बिल्डिग वायलेशन पर प्रशासन की पिक एंड चूज पॉलिसी
बिल्डिग वायलेशन और मिसयूज पर प्रशासन पिक एंड चूज पॉलिसी अपनाता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बिल्डिग वायलेशन और मिसयूज पर प्रशासन पिक एंड चूज पॉलिसी अपनाता है। जहां मामूली वायलेशन होती है, प्रशासन उसे बिना नोटिस दिए ही सील कर देता है और जहां अवैध ढंग से क्लब और बीयर बार बन रहे हैं, वहां प्रशासन कार्रवाई करने से भी गुरेज करता है। मध्य मार्ग सेक्टर-26 और 7 के शोरूम के पिछले हिस्से में गोदाम को तोड़कर महंगे और आलीशान डिस्क और बीयर बार बन जाते हैं, प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता। वहीं, अगर कोई व्यक्ति अपने घर में एक ईट भी फालतू जोड़ दे तो उसे इस्टेट आफिस और हाउसिग बोर्ड के अफसर फौरन तोड़ने का नोटिस भेज देते हैं। प्रशासन की इस पिक एंड चूज पॉलिसी का खामियाजा जहां आए दिन आम जनता को उठाना पड़ता है, वहीं, रईसजादों के लिए ये किसी अवसर से कम नहीं। जो रातों रात बिल्डिग बायलॉज और मिसयूज के नियमों की धज्जियां उड़ाकर आलीशन क्लब खड़े कर देते हैं। नोटिस भेजकर केवल खानापूर्ति करता है प्रशासन
मध्य मार्ग सेक्टर-26 और 7 के शोरूम के बैकसाइड पर जितने भी अवैध क्लब और बीयर बार खुले हैं, उन्हें प्रशासन खानापूर्ति के लिए नोटिस भेज देता है। ताकि प्रशासन या अफसरों पर आगे चलकर कोई बात न आए। मध्य मार्ग के ऐसे 72 से अधिक अवैध क्लब, डिस्क और बीयर पर शोकॉज नोटिस चल रहे हैं। इनका आज तक कोई निपटारा या कार्रवाई नहीं हुई। डी-सील होने के बावजूद क्लबों को अवैध निर्माण हटाना होगा
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई की बाद प्रशासन के इस्टेट आफिस को सेक्टर-26 के एससीओ नंबर-27 और 28 को डी सील करना पड़ा। एसडीएम ने हाईकोर्ट के आदेश पर इन क्लबों को डी सील तो कर दिया है, लेकिन एसडीएम ईस्ट ने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि इन क्लब मालिकों को अवैध निर्माण हटाना पड़ेगा। अवैध निर्माण की इंस्पेक्शन कराने के लिए टीम गठित की है, जोकि यह रिपोर्ट बनाएगी कि इन क्लब मालिकों ने अवैध निर्माण हटा लिया है या नहीं। 28 फरवरी तक एसडीएम को देनी होगी रिपोर्ट
28 फरवरी तक एसडीएम ईस्ट ने इस्टेट आफिस के बिल्डिग ब्रांच से इन डी सील हुए अवैध क्लब और बीयर बार की इंस्पेक्शन कर रिपोर्ट मांगी है। ताकि दोबारा से अगर अवैध निर्माण होता है, तो उसकी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जा सके। इसके अलावा एसडीएम ईस्ट ने इन अवैध क्लब मालिकों को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि वह इस अवैध निर्माण को स्वयं कब तक हटाएंगे।