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पानी के रेट बढ़ने के मामले में AAP ने मारी बाजी, बधाई देती रह गई कांग्रेस

हर मुद्दे पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस ने पानी के रेट बढ़ाने के खिलाफ शनिवार को प्रेस नोट जारी किया। जबकि आप ने विरोध जाहिर कर भाजपा के खिलाफ रविवार सुबह प्रदर्शन भी कर दिया।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 11:56 AM (IST)
पानी के रेट बढ़ने के मामले में AAP ने मारी बाजी, बधाई देती रह गई कांग्रेस
पानी के रेट बढ़ने के मामले में AAP ने मारी बाजी, बधाई देती रह गई कांग्रेस

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। प्रशासन की ओर से पानी के रेट बढ़ाने की अधिसूचना जारी करने के विरोध पर आप ने कांग्रेस से पहले बाजी मार ली। हर मुद्दे पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस ने पानी के रेट बढ़ाने के खिलाफ शनिवार को पांच बजे प्रेस नोट जारी किया। जबकि शुक्रवार को बढ़े रेट लागू होने के तुरंत बाद ही आप ने विरोध जाहिर कर भाजपा के खिलाफ रविवार सुबह प्रदर्शन भी कर दिया। लेकिन कांग्रेस इस मामले में पीछे रह गई। जिस दिन फैसला लिया गया, असल में उसी दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी का स्थायी सदस्य के साथ इंचार्ज एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के घर जाकर बधाई देने वाले नेताओं ने अखबारों में तस्वीरें भी प्रकाशित करने के लिए भेजी। लेकिन पानी के रेट के खिलाफ किसी ने बयान जारी नहीं किया। 

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सख्ती से खुद डरा दस्ता

इस समय नगर निगम के आला अधिकारियों ने शहर में सख्ती से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने के आदेश जारी किए हैं। जबकि यह आदेश दस्ते के कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है। दस्त ने शुक्रवार को 175 लोगों के चालान काटकर उनका सामान जब्त किया। जब दस्ते के कर्मचारी कार्रवाई करने के लिए जाते हैं तो मौके पर फिजिकल डिस्टेंस के नियम टूट जाते हैं। दस्ते के पास वेंडर्स और दुकानदार इकट्ठे होकर विरोध जाहिर करने लग जाते हैं। ऐसे में दस्ते के कर्मचारियों में कोरोना के प्रति डर ज्यादा बढ़ गया है। जब दस्ते के कर्मचारी इस बारे में आला अधिकारियाें को बताते है तो भी उन्हें कार्रवाई जारी रखने के आदेश दिए जाते हैं। ऐसे में दस्ते के कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा कि इस कोरोना काल में अपने अाप को बचाते हुए किस तरह से शहर में सख्ती को बढ़ाया जाए। वैसे भी दस्ते का एक सब इंस्पेक्टर पिछले दस दिन से भी बीमार चल रहा है।हाल ही में इस सख्ती के खिलाफ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने भी कमिश्नर केके यादव से बात की है।

टंडन को मानते हैं अध्यक्ष

संजय टंडन को अध्यक्ष पद से हटे हुए छह माह से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी भी कई लोग उन्हें अध्यक्ष ही मानते हैं। उनके करीबी नेता भी उन्हें अभी अध्यक्ष के तौर पर ही मानते हैं। वह अभी भी अध्यक्ष अरुण सूद से ज्यादा मानते हैं और अपने दुख सुख उनके साथ सांझे करते हैं। इसका कारण यह भी है कि टंडन दस साल तक चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं।हाल ही में टंडन के जन्मदिन पर भाजपा के हर नेता और पार्षद ने उन्हें खूब बधाईयां दी और टंडन के रक्तदान शिविर को कामयाब करने का प्रयास किया। रक्तदान शिविरों के जो प्रैस नोट भेजा गया था उसमे भी उन्हें भाजपा सुप्रीमो कह कर संबोधित किया गया था। जबकि इस समय चंडीगढ़ भाजपा के सुप्रीमो अरुण सूद है। इस बात की सूद भी कभी चिंता नहीं करते क्योंकि सूद को अध्यक्ष बनाने में संजय टंडन ने ही अहम भूमिका निभाई है। जबकि राजनीति के बाजार में कई गपशप करते हुए अब यह भी कह रहे हैं कि सूद और टंडन के पहले वाले संंबंध नहीं रहे हैं।

भाजपा के खिलाफ सुनाया गाना

इस समय कांग्रेस के बड़े नेताओं में ही नहीं बल्कि युवा कांग्रेस में भी भारी गुटबाजी है।ऐसे में युवा कांग्रेस के नेता एक दूसरे को पछड़ाने में हमेशा लगे रहते हैं। जब भी हाईकमान से नेता आते हैं तो जमकर एक दूसरे के खिलाफ शिकायतें लगाते हैं। कार्यक्रमों में मंच पर स्थान हासिल करने की भी राजनीति चलती है। हाल ही में युवा कांग्रेस के रोजगार दो अभियान के कार्यक्रम में यह देखने को मिला। यहां पर भाषणबाजी के बाद युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक प्रिति केसरी की ओर से एक गाना भी सुनाया गया।यह गाना उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियो के खिलाफ खुद तैयार किया है। इस गाने से कार्यक्रम में मौजूद उन्होंने खूब वाहावाही भी लूटी। प्रिति केसरी चंडीगढ़ युवा कांग्रेस की उपाध्यक्ष भी है और धीरे धीरे वह पार्टी और राजनीति में अपना दायरा बढ़ा रही है। इस बात की भी कई जूनियर और सीनियर नेताओं की चिंता बढ़ गई है।

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