आप संयोजक प्रेम गर्ग की मांग- चंडीगढ़ में आटो रिक्शा के किराये में होना चाहिए संशोधन
आटो चालकों के लिए निर्धारित किसी भी पार्किंग स्थल की अनुपस्थिति में इन ड्राइवरों को शहर में कहीं भी अपने वाहनों की पार्किंग के लिए बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। यदि वे सड़क पर या बिना पार्किंग क्षेत्रों में ऑटो पार्क करते हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (AAP) ने मांग की है कि शहर के हर क्षेत्र में ऑटो रिक्शा को पर्याप्त पार्किंग स्थान उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जहां ये ऑटो वाले अपने ग्राहकों की प्रतीक्षा कर सकें।आप संयोजक प्रेम गर्ग ने प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा को भेजे पत्र में बताया कि चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में लगभग 25000 आटो हैं, जिनमें से 7500 चंडीगढ़ में पंजीकृत हैं।
आटो चालकों के लिए निर्धारित किसी भी पार्किंग स्थल की अनुपस्थिति में इन ड्राइवरों को शहर में कहीं भी अपने वाहनों की पार्किंग के लिए बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। यदि वे सड़क पर या बिना पार्किंग क्षेत्रों में ऑटो पार्क करते हैं, तो उन्हें गलत पार्किंग के लिए चालान जारी किए जाते हैं। इसलिए, उन्हें रात में शहर की पार्किंग़ों में अपने ऑटो खड़े करने की अनुमति मिलनी चाहिये। प्रशासन को आटो की पार्किंग के लिए हर सेक्टर या क्षेत्र में कुछ स्थान निर्धारित करने चाहिए, ताकि वे वहाँ कानूनी रूप से अपना ऑटो पार्क कर सकें और पुलिसकर्मियों की दया पर ना रहें। इस के लिए उनसे कुछ मामूली मासिक पार्किंग शुल्क भी वसूला जा सकता है।
गर्ग ने यह भी बताया कि हालांकि सभी आटो वालों के लिए किराया मीटर से लेना अनिवार्य है, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने किराया दरों को वर्ष 2009 से लेकर आज तक कोई संशोधन नहीं किया है। इसलिए, एक ताजा किराया सूची को अधिसूचित करने की आवश्यकता है, जिसमें इंधन और दूसरे ख़र्चों को ध्यान में रखा जाये।
इन ऑटो चालकों को ट्राइसिटी में बिना पर्मिट फ़ीस दिये चलाने की अनुमति नहीं है। मोहाली में पंजीकृत ऑटो चालक को चंडीगढ़ या पंचकूला में प्रवेश करने के लिए फीस का भुगतान करना पड़ता है और ऐसे ही चंडीगढ़ वाले को पंचकुला प्रवेश करने पर। यह ना केवल इन गरीब लोगों के ऊपर बोझ है, बल्कि भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का भी कारण है। इसलिए इस विषय पर काम करने की जरूरत है, जहां चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में कहीं भी पंजीकृत ऑटोस को स्वतंत्रता से आने जाने की अनुमति हों। ऑटो चालकों को प्रशासन के लिए कमाई के स्रोत के रूप में नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि ये 25000 गरीब लोग स्वयं रोजगार प्राप्त युवा हैं, जो समाज के गरीब या निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।