94 साल की हरभजन कौर ने बर्फी बनाने के हुनर से देश में छोड़ी छाप
जब काम करने का जुनून व लगन मन में हो तो किसी भी उम्र में बुलंदियों को छुआ जा सकता है।
संदीप कुमार, मोहाली : जब काम करने का जुनून व लगन मन में हो तो किसी भी उम्र में बुलंदियों को छुआ जा सकता है। ऐसी ही एक बुलंदी पर पहुंची हैं 94 वर्षीय बुजुर्ग हरभजन कौर। जिन्होंने बर्फी बनाने के अपने हुनर से पूरे हिदुस्तान में अपनी छाप छोड़ दी है। हरभजन कौर अपनी बेटी व दामाद के साथ इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आइएसबी) सेक्टर-81 मोहाली में शुक्रवार को नॉर्थ इंडिया बिगेस्ट स्टार्टअप व इंटरप्रेन्योरियल इवेंट पर अपने अनुभव साझा करने पहुंची थीं। बता दें कि हरभजन कौर बेसन की बर्फी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। 90 दशक में आकर उन्होंने अपनी इस कला को पहचाना और किस्मत आजमाई। आज वह समय है जब हरभजन कौर की बर्फी के लिए मिठाई की दुकान व शादी समारोह में बड़े लेवल पर ऑर्डर बुक किए जाते हैं। यही नहीं दिल्ली, गुजरात, अहमदाबाद, सूरत जैसे शहरों से भी ऑनलाइन ऑर्डर बुक करवाए जाते हैं। उन दिनों बेटियों को नहीं थी ज्यादा आजादी
चंडीगढ़ सेक्टर-36 में अपनी बेटी रवीना सुरी के साथ रहती 94 वर्षीय हरभजन कौर ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमारे जमाने में लड़कियों को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती थी और लड़कियों को ज्यादा पढ़ाया भी नहीं जाता था, लेकिन हाथों से बनाई बर्फी उन्हें इस मुकाम पर ले जाएगी, उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। हरभजन कौर ने बताया कि वह शुरू से किसी पर डिपेंडडेंट नहीं रहना चाहती थी और खुद कमाई का साधन जुटाना चाह रही थी। ..जब मेहमानों ने की थी तारीफ
90 दशक में उनके हाथों से बनाई बर्फी की घर पर आए मेहमानों ने खूब तारीफ की जिसके बाद उन्हें अपनी कला के बारे में पता चला और उन्होंने ठाना कि वह इस हुनर को बिजनेस में इस्तेमाल करेंगी। एक छोटे से कमरे से बर्फी बनाने की शुरुआत करने वाली हरभजन कौर ने अपने ब्रांड का नाम हरभजनस रखा जो दुनिया भर में मशहूर है जिनके राजस्थान व सेक्टर-35 में शोरूम हैं। अपनी कमाई देखकर खुशी हुई
हरभजन कौर ने कहा कि पढ़ी लिखी न होने के कारण वह मायूस भी रहती थी लेकिन अपनी पहली कमाई देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। उन्होंने कहा कि इतने लोगों की भीड़ में आकर उन्हें अपने अनुभव बताते हुए काफी खुशी महसूस हो रही है। उन्होंने एक नेक सलाह दी कि वक्त की कीमत डालो, गया हुआ वक्त वापस नहीं आता। कुछ करोगे तो फल भी जरूर पाओगे। पहले वह खुद ही कई क्विंटल बर्फी तैयार कर देती थी लेकिन अब मदद लेनी पड़ती है।