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सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों की रीलाइनिंग के लिए 825 करोड़ मंजूर

केंद्र सरकार ने दो नहरों राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर की री-लाइनिंग के प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए 825 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 04:48 PM (IST)
सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों की रीलाइनिंग के लिए 825 करोड़ मंजूर
सरहिंद और राजस्थान फीडर नहरों की रीलाइनिंग के लिए 825 करोड़ मंजूर

जेएनएन, चंडीगढ़। हरिके हेड से निकल कर राजस्थान तक जाने वाली दो नहरों राजस्थान फीडर और सरहिंद फीडर की री-लाइनिंग के प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्‍ट लंबे समय से लटका हुआ था। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसके लिए 825 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई।

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इसमें राजस्थान फीडर के लिए 620 करोड़ रुपये और सरहिंद फीडर के लिए 205 करोड़ की राशि होगी। यह कार्य तीन साल में पूरा होगा। इसके लिए हर साल 70 -70 दिन के लिए दोनों नहरों को बंद किया जाएगा। पंजाब के सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव जसपाल सिंह ने कहा कि राजस्थान फीडर के लिए कुल प्रोजेक्ट की लागत 1303 करोड़ रुपये हैं। इसके लिए राशि राजस्थान सरकार और केंद्र की ओर से खर्च किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि सरहिंद फीडर का प्रोजेक्‍ट 623 करोड़ रुपये का है। इसमें 55 फीसद राशि पंजाब सरकार और 45 फीसद राशि राजस्थान सरकार खर्च करेगी। केंद्र दोनों राज्य सरकारों को फंडिंग करेगा।

मुक्तसर, फाजिल्का, फिरोजपुर और फरीदकोट को लाभ

दोनों नहरें 1954 में बनी थीं। ये नहरें जर्जर हो चुकी थीं। राजस्थान फीडर कनाल 18500 क्यूसेक जल के बहाव के लिए बनाई गई है। यह राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर के इलाकों की पानी की जरूरत को पूरा करती है। सरहिंद फीडर 5439 क्यूसेक जल बहाव के लिए तैयार की गई है। यह नहर मुक्तसर, फरीदकोट, फिरोजपुर आदि जिलों में पानी की मांग को पूरा करती है। राजस्थान के गंगानगर व हनुमानगढ़ इलाकों में भी इस नहर के जरिए पानी पहुंचाया जाता है।

जसपाल सिंह ने बताया कि इन दोनों नहरों की जर्जर हालत के कारण हर साल 256 क्यूसिक पानी सीपेज से पंजाब के चार जिलों की जमीन को खराब कर रहा है। इन नहरों की री-लाइनिंग का प्रोजेक्ट पंजाब व राजस्थान सरकार ने बहुत पहले बनाया था पर उसे अब मंजूरी मिली है। यदि तीन सालों में दोनों नहरों की री-लाइनिंग का काम पूरा हो जाता है तो जहां हर साल 256 क्यूसेक पानी सीपेज होने से बचेगा। इससे मुक्तसर, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर की करीब 84 हजार 800 हेक्टेयर जमीन को सेम की समस्या से निजात मिलेगी।

सुखबीर, हरसिमरत ने जताया पीएम का आभार

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि सीएम रहते प्रकाश सिंह बादल काफी समय से इसके लिए प्रयासरत थे, जिसे अब जाकर सफलता मिली है।


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