82 फीसद आबादी को हेल्थ इंश्योरेंस देने वाला पहला राज्य बना पंजाब
-पंजाब सरकार 43 लाख परिवारों को यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के अधीन मुहैया करवाएगी स्वास्थ्य सेवाएं
-पंजाब सरकार 43 लाख परिवारों को यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम के अधीन मुहैया करवाएगी स्वास्थ्य सेवाएं
-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत केंद्र के साथ किया समझौता ---
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसकी 82 फीसद आबादी हेल्थ इंश्योरेंस से कवर हो गई है। पंजाब सरकार ने 14.96 लाख परिवारों को 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार से समझौता कर लिया है। अब पंजाब के 43 लाख योग्य परिवारों का प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा इस योजना से हर जरूरतमंद व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होंगी। पंजाब सरकार अपने स्तर पर भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही है। इसके अधीन 28.20 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा रही थीं। इसमें नीले कार्ड, जे-फार्म, निर्माण श्रमिक, छोटे व्यापारियों के परिवार शामिल हैं, जबकि अब स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन कुल 43.16 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा। इसमें भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना के अधीन आने वाले 20.30 लाख नीले कार्ड धारक परिवार भी शामिल हैं।
3 अक्टूबर को हुई पंजाब कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि राज्य सरकार की भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना को भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर लिया गया। इससे अब राज्य के योग्य 43 लाख परिवारों को 50 हजार प्रति वर्ष की जगह पर 5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। वहीं भगत पूरन सिंह स्वास्थ्य बीमा योजना को 31 अक्टूबर 2018 से बढ़ा कर 31 दिसंबर 2018 तक करने का भी फैसला लिया गया।
यह समझौता मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव सतीश चंद्रा और सीईओ आयुष्मान भारत, डॉ. इंदु भूषण के बीच किया गया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने सीमावर्ती राज्य का हवाला देते हुए दोबारा मांग दोहराई कि केंद्र सरकार 90:10 के अनुपात से इस योजना को लागू करे। जनवरी 2019 से होगी शुरुआत
स्कीम की शुरुआत 1 जनवरी 2019 को होगी। इसमें 2011 सामाजिक आर्थिक जाति गणना के अनुसार 14.96 लाख परिवारों को योग्य माना गया है। इस स्कीम के अधीन होने वाले खर्च में भारत सरकार और राज्य सरकार का 60:40 के अनुपात का योगदान होगा, जिससे राज्य सरकार के लगभग 65 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार के 97 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च होगा। योजना को 1 जनवरी से लागू करने से पहले तीन सरकारी अस्पतालों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाएगा।
इन्हें मिलेगा लाभ
योजना के तहत 5.66 लाख जे-फार्म धारक किसान, 1.22 लाख निर्माण श्रमिक और 1.02 लाख छोटे व्यापारियों के परिवारों को 86 करोड़ रुपये की लागत से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इसके लिए पंजाब मंडी बोर्ड (62 करोड़), निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (13 करोड़) और कर और आबकारी विभाग (11 करोड़) का खर्च होगा। इसके साथ पंजाब सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर कुल 285 करोड़ रुपये का खर्च करेगी। 5 लाख रुपये की कैशलेस सुविधा
राज्य के 61 लाख परिवारों में से 43.16 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये की कैशलेस और मुफ्त इलाज की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया होंगी, जो राज्य की 70 फीसद आबादी बनती है। यदि इसमें राज्य केंद्र सरकार और रक्षा विभाग के कर्मचारियों को मिलने वाली सरकारी स्कीमों की सहूलियतों को शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 82 फीसद तक पहुंच जाती है।