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चंडीगढ़ में आयुष की चिकित्सा पदत्ति हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज, एक हफ्ते में 81 फीसद संक्रमित हुए ठीक

आयुष विभाग की चिकित्सा पदत्ति कोरोना मरीजों के इलाज में सफल साबित हो रही है। इस पदत्ति से एक हफ्ते में 81 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक किया जा चुका है और उनकी आरटी पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 03:26 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 03:26 PM (IST)
चंडीगढ़ में आयुष की चिकित्सा पदत्ति हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज, एक हफ्ते में 81 फीसद संक्रमित हुए ठीक
सेक्टर-46 के धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल में इस पदत्ति के जरिये संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। आयुष विभाग की चिकित्सा पदत्ति कोरोना मरीजों के इलाज में सफल साबित हो रही है। इस पदत्ति से एक हफ्ते में 81 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक किया जा चुका है और उनकी आरटी पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। इस चिकित्सा पदत्ति की वजह से संक्रमण का खतरा जल्द ही मरीजों में टलता पाया गया। सेक्टर-46 के धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल में इस पदत्ति के जरिये संक्रमित मरीजों का इलाज कर उन्हें संक्रमण की चपेट से छुटकारा दिलाया गया।

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कोरोना महामारी के दौरान धनवंतरी अस्पताल में जितने भी संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया था, उन पर इस चिकित्सा पदत्ति आयुष 64 का इस्तेमाल किया गया था। इस चिकित्सा पदत्ति पर धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल, केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान पटियाला और डॉ. डीवाई पाटिल विद्यापीठ पुणे ने मिलकर शोध कर निष्कर्ष निकाला है।

74 मरीजों पर इस चिकित्सा पदत्ति का किया ट्रायल

आयुर्वेदिक कॉलेज और बाकी दो संस्थानों ने मिलकर 74 काेरोना संक्रमित मरीजों पर इस चिकित्सा पदत्ति का ट्रायल किया गया। इन 74 मरीजों की उम्र 18 से 75 साल तक की थी। आयुष 64 चिकित्सा पदत्ति में इन मरीजों को विटामिन सी, एजिथ्रोमाइसिन, पैरासिटामॉल और सेट्रीजिन के साथ पौष्टिक आहार दिया गया। इसके अलावा इन मरीजों की देखरेख और रहने के लिए बेहतर जगह उपलब्ध कराई गई। देखने में आया कि इन 74 में से 81 फीसद यानि 60 मरीजों की एक हफ्ते में नेगेटिव रिपोर्ट आई।

ज्यादातर आयुर्वेदिक कॉलेज में हाे रहा इस्तेमाल

कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी डॉ. नरेश मित्तल ने बताया कि ज्यादातर आयुर्वेदिक कॉलेज में आयुष 64 चिकित्सा पदत्ति का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस थैरेपी का मरीजों पर अच्छा परिणाम देखने को मिला है। एक महीने तक स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट केयर के साथ-साथ दिन में तीन बार आयुष 64 की दो गोलियां दी गईं।  इस आयुर्वेदिक थैरेपी के जरिए माइल्ड से मॉडरेट संक्रमण वाले पेशेंट्स के लिए सुरक्षित और त्वरित क्लिनिकल रिकवरी सामने आई।


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