बोर्ड की गड़बड़ीः रीचेकिंग में 10 के हुए 60 नंबर, 7 की जगह हो गए 50
अध्यापकों की गलती के चलते दसवीं में कई विषयों में विद्यार्थी फेल हो गए। रीचेकिंग हुई तो मामले का पर्दाफाश हुआ और चौकाने वाले नतीजे सामने आए।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। मार्च में हुई दसवीं बोर्ड की परीक्षा में रोल नंबर 1017239730 को हिंदी में मात्र दस नंबर मिले। जब उसने रीचेकिंग की अर्जी दी तो पता चला कि उसके नंबर दस नहीं 60 नंबर आए थे। जांच में सामने आया कि अंक सूची ही गलत तैयार की गई थी। रोल नंबर 1017649939 को गणित में मात्र 7 नंबर मिले थे। रीचेकिंग करवाई गई तो पता चला कि सात नहीं उसके 50 नंबर थे। नंबर सूची तैयार करते समय ये गलती हुई।
इसी तरह अंग्रेजी में एक विद्यार्थी के केवल दो नंबर आए थे। रीचेकिंग में पता चला कि उसके 58 नंबर आए हैं। ऐसे एक-दो केस नहीं हैं। अकेले फरीदकोट डिविजन में ही 45 केस सामने आ गए हैं, जबकि नाभा व जालंधर सर्किल की भी जांच इसी तरीके से की जा रही है जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
फरीदकोट सर्किल में इस तरह के 45 केस सामने आने पर डीपीआई सेकेंडरी परमजीत सिंह ने फरीदकोट, बठिंडा, फाजिल्का, मानसा, मुक्तसर साहिब के 45 अध्यापकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि जो गलती अध्यापकों ने की है उससे जहां कई विद्यार्थियों का भविष्य खराब हुआ है वहीं, कइयों को मानसिक परेशानी भी हुई है।
सभी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को लेटर जारी करते हुए उन्होंने कहा है कि दसवीं क्लास के पेपरों की रीचेकिंग के दौरान रीवाइज हुए केसों में कई गलतियां सामने आई हैं जिनमें मार्किंग न करना, अवार्ड सूचियां गलत बनाना, अंदर के पेजों पर दिए अंकों को टाइटल पन्ने पर गलत दर्ज करना शामिल हैं जिससे विद्यार्थियों के नतीजों पर बड़ा बदलाव हुआ है।
हो सकती है कार्रवाई
डीपीआइ सेकेंडरी ने शुक्रवार को जारी किए गए लेटर में कहा है कि यह सेवा नियमों के खिलाफ है और इसमें अध्यापकों पर कार्रवाई भी की जा सकती है। कार्रवाई से पहले सरकार उन्हें सुनने का एक मौका देना चाहती है वे अपनी स्थिति 21 दिनों के अंदर स्पष्ट करें। यदि किसी का जवाब नहीं आया तो सरकार अपने स्तर पर फैसला करेगी।
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