प्रीपेड मीटर से बचेंगे 60 करोड़, रिचार्ज कराने पर मिलेगी सप्लाई
स्मार्ट प्रीपेड मीटर से इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट 60 करोड़ रुपये बचाएगा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : स्मार्ट प्रीपेड मीटर से इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट 60 करोड़ रुपये बचाएगा। इससे उपभोक्ताओं को तो फायदा होगा ही इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का भी रेवेन्यू बचेगा। पहले फेज में 30 हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर जून तक लग जाएंगे। इसके बाद अगले फेज में शहर के दूसरे हिस्से को कवर किया जाएगा। वीरवार को एडवाइजर मनोज कुमार परिदा और फाइनेंस कम इंजीनियरिग सेक्रेटरी अजॉय कुमार सिन्हा ने दिल्ली में केंद्र सरकार के अधिकारियों को इस पर प्रेजेंटेशन दी। यूटी के अधिकारियों ने अभी तक के प्रोजेक्ट पर अपडेट के साथ भविष्य की प्लानिग भी बताई। पहले फेज में चार सेक्टरों और छह गांवों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इनमें सेक्टर-29, 31, 47 और 48 शामिल हैं, जबकि गांवों में हल्लोमाजरा, फैदां, रायपुर कलां, मक्खन माजरा, दड़वा और राम दरबार शामिल हैं। इनमें से कई गांव और सेक्टरों में यह मीटर लग भी चुके हैं। चंडीगढ़ में बिजली के करीब 2.20 लाख उपभोक्ता हैं। जिनके मीटर प्रीपेड मीटर से बदले जाने हैं। प्रीपेड मीटर के इस प्रोजेक्ट पर कुल 260 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्मार्ट मीटर से रुकेगी बिजली चोरी
स्मार्ट मीटर के लगने से बिजली चोरी, रीडिग लेना, मीटर से छेड़छाड़ जैसी शिकायतें दूर हो जाएंगी। मीटर प्रीपेड होने से इसे जरूरत अनुसार रिचार्ज कराया जा सकेगा। जबतक रिचार्ज रहेगा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई रहेगी। यह बिल्कुल मोबाइल के रिचार्ज की तरह होगा। स्मार्ट मीटर से उपयोग की गई बिजली के आंकड़े व डाटा कलेक्टर तक पहुंच जाएंगे। इनसे कंट्रोल रूम स्थित सेंट्रल सर्वर को जानकारी भेजी जाएगी। इस आधार पर बिलिग होगी। यह मीटर दिन में कई बार रीडिग ले सकता है। एक रीडिग रात 9 बजे होगी और दूसरी सुबह 6 बजे ली जाएगी। इस बीच अगर कोई बिजली की खपत नहीं होती तो पता चल जाएगा कि बिजली चोरी हो रही है। इस हाईटेक मीटर में कोई गड़बड होते ही कंट्रोल रूम में अलार्मिंग लाइट ब्लिक करने लगेगी। संबंधित अधिकारियों को भी मोबाइल पर मैसेज मिल जाएगा। सर्विस क्रमांक, उपभोक्ता के नाम सहित जानकारी सेंट्रल सर्वर तक पहुंच जाएगी। अलर्ट के बाद तुरंत मोबाइल से ही कनेक्शन काटा जा सकेगा। स्मार्ट ग्रिड से बार बार बिजली नहीं होगी गुल
स्मार्ट ग्रिड सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए सेक्टर-18 में ऑफिस तैयार किया गया है। स्मार्ट मीटर स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन) से जुड़ेंगे। स्काडा से ही बिजली ओवर ड्रा करने वाले उपभोक्ता को उसके मोबाइल पर चेतावनी देकर कनेक्शन बंद किया जा सकेगा। बिजली की स्मार्ट ग्रिड होने से बिजली के बार-बार गुल होने की समस्या से उपभोक्ता को छुटकारा मिल सकेगा। किसी एरिया में बिजली जाती है तो तुरंत एरिया जेई और एसडीओ को मैसेज फ्लैश होगा। सोलर के लिए अलग से मीटर लगाने की जरूरत नहीं होगी। मीटर की रीडिग स्काडा तक पहुंचेगी। वहां से कंज्यूमर के मोबाइल पर बिल पहुंचने लगेगा।