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नगर निगम का दिवाला निकालेगा 528 करोड़ का एसटीपी प्रोजेक्ट! Chandigarh News

एमसी को हर साल एसटीपी प्लांट्स पर 35 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने होंगे। यही नहीं हर माह एमसी पर तीन करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 01:56 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 01:56 PM (IST)
नगर निगम का दिवाला निकालेगा 528 करोड़ का एसटीपी प्रोजेक्ट! Chandigarh News
नगर निगम का दिवाला निकालेगा 528 करोड़ का एसटीपी प्रोजेक्ट! Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में बन रहे एसटीपी प्लांट्स एमसी को दिवालिया बना देंगे। एमसी के पास पहले अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में छह एसटीपी प्लांट्स को चलाने तथा उनके बिजली बिल का 528 करोड़ रुपये का खर्च एमसी पर बोझ बन जाएगा। एमसी को हर साल एसटीपी प्लांट्स पर 35 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने होंगे। यही नहीं, हर माह एमसी पर तीन करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

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एमसी पर पहले ही साढ़े चार करोड़ का बोझ

चंडीगढ़ एमसी पहले ही लायंस कंपनी को साढ़े चार करोड़ रुपये महीना शहर के दक्षिणी एरिया की सफाई के लिए अदा कर रहा है। जिससे नगर निगम के खजाने पर सीधा असर पड़ा है। समय-समय पर पार्षद लायंस कंपनी की कारगुजारी पर भी सवाल खड़ा कर चुके हैं। अब स्मार्ट सिटी के तहत एसटीपी प्लांट्स का काम अलॉट होने के बाद तीन करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त बोझ एमसी पर पड़ जाएगा।

हाउस की मीटिंग में होगा हंगामा

एमसी हाउस की 14 नवंबर को होने वाली बैठक में 528 करोड़ रुपये के एसटीपी पर इसके खर्च का प्रस्ताव लाया जा रहा है। एमसी के कई पार्षद इसके विरोध में है। पार्षदों का मानना है कि प्रशासन पहले से ही नगर निगम को अतिरिक्त ग्रांट इन एड देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में हर साल 35 करोड़ रुपये का खर्चा नगर निगम किस तरह से वहन करेगा।

ऑपरेशन खर्च 238 करोड़

एमसी को शहर में बन रहे एसटीपी प्लांट्स को चलाने के लिए ही 15 साल में 238 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। ऐसे में हर साल 15 करोड़ रुपये से अधिक इन एसटीपी प्लांट्स पर खर्च करने होंगे। हर माह यह खर्च डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

बिजली पर भी 290 करोड़ खर्चने होंगे

एसटीपी प्लांट्स को चलाने के लिए बिजली पर ही 15 साल में 290 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। यह खर्च बिजली की बढ़ती दरों के चलते इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। एमसी पार्षदों का कहना है कि यदि स्मार्ट सिटी के तहत इन प्लांट्स को बनाया जा रहा है तो फिर इन्हें चलाने का खर्च भी स्मार्ट सिटी कारपोरेशन उठाएं।

अन्य खर्च भी एमसी पर

चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी कारपोरेशन ने शहर में छह एसटीपी प्लांट्स का टेंडर निकाला था। स्मार्ट सिटी के तहत सिर्फ इन एसटीपी प्लांट्स को बनाने तथा अपग्रेड करने का 289 करोड़ रुपये का खर्च दिया जा रहा है जबकि अन्य सभी खर्च का बोझ एमसी पर डाला जा रहा है।


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