ये हैं फील्डमैन ग्रीन अवॉर्ड पाने वाले सबसे युवा पर्यावरण प्रहरी, समाज को बदलने का देख रहे सपना
अवॉर्ड पाने वाले युवा अभी पढ़ाई कर रहे हैं। इन्होंने पढ़ाई के साथ बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम शुरू कर दिया था।
चंडीगढ़, जेएनएन। दैनिक जागरण और आर्गेनिक शेयरिंग संस्था की तरफ से आयोजित पहले फील्डमैन ग्रीन अवॉर्ड में यूं तो 50 पर्यावरण प्रहरियों को सम्मानित किया गया, लेकिन इनमें तीन सबसे युवा पर्यावरण प्रहरी सबके आकर्षण का केंद्र रहे। इनमें पीजीजीसी-46 में पढ़ने वाले दविंदर कुमार, रंगकर्मी सौरभ शर्मा और पीजीजीसी-11 में पढ़ने मोहम्मद अमजद का नाम प्रमुख है। यह तीनों युवा अभी पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन इन्होंने पढ़ाई के साथ बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम शुरू कर दिया था। रविवार को जब इन्हें अवॉर्ड मिला तो इनकी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह से थी।
लोग आपके काम को देखते हैं इसलिए लगातार जुटे रहें - दविंदर कुमार
पीजीजीसी-46 में पढ़ने वाले दविंदर कुमार ने बताया कि उन्होंने स्कूल टाइम में एनएसएस ज्वाइन की थी, इसी दौरान उन्होंने सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। हम लोगों ने न सिर्फ पेड़ -पौधे लगाए, बल्कि अपने स्तर पर लोगों को भी जागरूक करना शुरू कर दिया। इसी दौरान अन्य संगठनों से भी मुलाकात हुई तो मैंने बतौर वलंटियर उनके साथ भी काम करना शुरू कर दिया। अभी मैं एनएसएस के साथ ग्रीन बिग्रेड हरियावल पंजाब, स्वरमणि यूथ वेलफेयर एसोसिएशन और नवभारत सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर काम कर रहा हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे काम को कोई देख रहा है, लेकिन इस अवॉर्ड मिलने के बाद मुझे अहसास हुआ कि अगर आप सच्चे दिल से काम कर रहे होते हैं तो लोग आपके काम को नोटिस करते हैं। हमें अवॉर्ड मिलने से हमारे साथ जुड़े लोग भी ज्यादा मेहनत करेंगे।
सौरभ शर्मा अपने नुक्कड़ नाटकों से करते हैं लोगों को जागरूक
रंगकर्मी सौरभ शर्मा ने बताया कि वह नुक्कड़ नाटक से लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने पर्यावरण, कैंसर, मलेरिया, बढ़ती जनसंख्या, अशिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे विषय पर हजारों नुक्कड़ नाटक किए हैं। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास यही रहता है लोग की सोच बदले, सोच बदलेगी तो बदलाव आएगा। इतने बड़े मंच पर आपको अवार्ड मिलना आपके काम को पुख्ता करता है। हमें खुशी है कि हमारे काम को सराहा जा रहा है। नुक्कड़ नाटक सबसे ज्यादा कारगर प्रचार प्रसार का साधन है। हम झुग्गी झोपड़ियों में, गांवों में, कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक करते हैं यह नुक्कड़ नाटक काफी रोचक होते हैं। यही वह वर्ग है जो अभी सूचना की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है।
मोहम्मद अमजद बोेले निस्वार्थ भावना से काम करने के लिए अवार्ड
पीजीजीसी-11 में पढ़ने वाले मोहम्मद अमजद ने बताया कि उन्होंने हमेशा निस्वार्थ भावना से काम किया है। वह एनएसएस और स्वरमणि यूथ वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं। मोहम्मद बताते हैं कि हमनें पौधारोपण ही नहीं किया, बल्कि लोगों को भी इसके साथ जोड़ा। लोगों के सहयोग से अभियान चलाकर पौधारोपण किया। नतीजा आज बुडैल और सेक्टर-45 में हमारे लगाए हजारों पौधे लहलहा रहे हैं।
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