700 दूध उत्पादों में से 450 के सैंपल फेल
फेस्टिवल सीजन शुरू होते ही दूध की डिमांड बढ़ गई है। नकली मिठाइया, पनीर और घी बनाने वाले भी सक्रिय हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फेस्टिवल सीजन शुरू होते ही दूध की डिमांड बढ़ गई है। नकली मिठाइया, पनीर और घी बनाने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। सेहत विभाग मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चला रहा है। विभाग की तरफ से अब तक 700 से ज्यादा दूध उत्पादों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 450 से ज्यादा सैंपल फेल हो चुके हैं। कुछ दिन पहले मोहाली में नकली मिठाइया व पनीर बनाने वाले लोगों को विभाग व पुलिस की ओर से पकड़ा गया था जिन्होंने खुलासा किया था कि उनका टारगेट छोटे दुकानदार होते हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी एनएस कंग ने बताया कि अब तक राज्य के कई जिलों में ऐसे नकली सामान बनाने वाले लोग पकड़े भी जा चुके हैं जो सर्फ, पॉम ऑयल, एसिड व अन्य हानिकारक पदार्थो का इस्तेमाल कर खाद्य पदार्थ तैयार कर रहे थे। सेहत विभाग की तरफ से ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें गिरफ्तार तक किया जा रहा है। सस्ता होने के चलते दुकानदार खरीदते हैं इसे
मिलावटखोर कम लागत में मिलावटी सामान तैयार कर उसे सस्ते में दुकानदारों को बेचते हैं। यह सामान असली सामान की तुलना में काफी सस्ता होता है। इससे दुकानदारों को काफी फायदा होता है। बड़े फायदे के लिए दुकानदारों मिलावटी सामान खरीदते और बेचते हैं। बलौंगी पुलिस द्वारा पकड़े मिलावटखोरों से पता चला था कि वह 170 रुपये के हिसाब से मिलावटी पनीर बेचते थे, जबकि मार्केट में असली पनीर 225 रुपये तक बिकता है। विभाग व पुलिस द्वारा की जा रही चेकिंग में सामने आया है कि जिस जगह पर मिलावटी मिठाइया व अन्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। वहा पर बैक्टीरियल काउंट सबसे अधिक होते हैं। ऐसे में इन मिठाइयों को खाना तो दूर छूने तक से इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे करें सिंथेटिक दूध की पहचान
दूध को सूंघने पर अगर साबुन की महक आती है तो समझ लीजिए आपका दूध मिलावटी है। असली दूध में कोई गंध नहीं होती। दूध की एक या दो बूंद को चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर टपकाकर देखिए। अगर दूध बहता हुआ नीचे आ जाता है और सफेद धार सा निशान बना लेता है तो समझ लें दूध असली है। दूध में स्टार्च की मिलावट जाचने के लिए दूध में कुछ बूंदे टिंचर आयोडीन की डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता है, तो समझ लीजिए उसमें स्टार्च की मिलावट है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मिलावट खोरों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा।