24 घंटे वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट का 440 करोड़ का लोन एमसी लौटाएगी
फ्रांस सरकार से लोन लिया जा रहा है उसकी राशि नगर निगम ही लौटाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्मार्ट सिटी के तहत 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट के लिए जो 440 करोड़ रुपये की राशि का फ्रांस सरकार से लोन लिया जा रहा है, उसकी राशि नगर निगम ही लौटाएगा। मंगलवार को हुई सदन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। छह साल बाद यह राशि लौटानी शुरू हो जाएगी। कमिश्नर ने बताया कि दो प्रतिशत सालाना ब्याज पर यह लोन राशि फ्रांस सरकार की ओर से मिल रही है। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि इस प्रोजेक्ट की डीपीआर रिपोर्ट अगले माह होने वाली सदन की बैठक में लाई जाए। इस प्रस्ताव के साथ अधिकारियों ने बढ़ने वाले प्रस्तावित रेट की सूची भी लगाई थी। जिस पर मनोनीत पार्षद चरणजीव सिंह ने आपत्ति जाहिर की जिस पर कमिश्नर ने कहा कि यह रेट सात साल बाद लागू होंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर सात साल लग जाएंगे। पाइप लाइन भी बदली जानी है
कमिश्नर ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत कई जगह पाइप लाइन भी बदली जानी हैं। लोन राशि वापस लौटाने के फैसले के बाद अब यह भी तय हो गया है कि पानी के रेट भी बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा जो कि नगर निगम ही लेगा। इस समय ही नगर निगम को हर साल पानी की सप्लाई से 90 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू होने पर वर्तमान के मुकाबले में पानी के रेट चार गुना बढ़ जाएंगे। ऐसे में अब इस प्रोजेक्ट पर नगर निगम ही काम करेगा। सदन में स्मार्ट सिटी को ही लोन की राशि अदा करने का प्रस्ताव आया था लेकिन इसके लिए पार्षद नहीं माने। पार्षद यह नहीं चाहते थे कि पानी की सप्लाई का काम स्मार्ट सिटी को चला जाए। रोज फेस्टिवल का खर्चा किया 20 लाख कम, प्लास्टिक फ्री होगा थीम
सदन की बैठक में अगले साल होने वाले रोज फेस्टिवल पर 86 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पास होने के लिए आया लेकिन खर्चा ज्यादा होने के कारण सदन ने 20 लाख कम करते हुए 66 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पास किया। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि पार्षदों को शामिल करते हुए कमेटी का गठन किया जाए जोकि इस फेस्टिवल के लिए ज्यादा से ज्यादा स्पांसरशिप लेकर आए। कमिश्नर केके यादव ने बताया कि इस रोज फेस्टिवल का थीम प्लास्टिक फ्री रहेगा। सदन में पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने अभी तक सेग्रीगेशन सिस्टम को लेकर डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टरों के साथ एमओयू न होने का मामला भी उठाया। जबकि एनओसी न होने पर आग लगने पर फायर चार्जेज लेने का प्रस्ताव अगली बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया है। तीन गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बनेंगे
शहर में तीन गारबेज ट्रांसफर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। यह स्टेशन स्मार्ट सिटी के तहत बनाए जाएंगे। कमिश्नर केके यादव ने बताया कि सूखा और गीला सेग्रीगेट होकर इन स्टेशनों पर आएगा और यह कचरा प्रोसेस होने के लिए आगे गारबेज प्लांट में जाएगा। बैठक में 24 यूनिपोल साइट्स के लिए जो बोली में चार लाख 88 हजार रुपये का फाइनल रेट आया है, उस पर सदन ने अपनी मंजूरी दे दी।