Move to Jagran APP

धान के 400 ट्रक गायब, जिला खाद्य अधिकारी निलंबित

-विजिलेंस जांच के आदेश, पीएनबी ने 125 करोड़ की लिमिट रिन्यू करने में बरती सख्ती -बचे हुए ध

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 03:17 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 03:17 AM (IST)
धान के 400 ट्रक गायब, जिला खाद्य अधिकारी निलंबित
धान के 400 ट्रक गायब, जिला खाद्य अधिकारी निलंबित

-विजिलेंस जांच के आदेश, पीएनबी ने 125 करोड़ की लिमिट रिन्यू करने में बरती सख्ती

loksabha election banner

-बचे हुए धान को लेकर वेयरहाउस कॉर्पोरेशन, पनग्रेन और बैंक आमने-सामने

-फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए तीन सदस्यों वाली कमेटी का गठन

----

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़: अमृतसर की वीरूमल मुल्खराज जैन राइस मिल से 400 ट्रक धान गायब हो गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक एपी सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर 40 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंप दी है। मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार ने विजिलेंस जांच देने की पुष्टि की है। उधर, वीरूमल मुल्खराज जैन की दो मिलों में बचे हुए धान पर अधिकार जमाने के लिए दो एजेंसियों पनग्रेन और वेयर हाउसिंग में लड़ाई छिड़ गई है। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक ने भी इस पर अपना क्लेम जाहिर कर दिया है। दोनों एजेंसियों में से अनाज किसका है, इसकी फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए फूड एंड सप्लाई विभाग की डायरेक्टर अनंदिता मित्रा ने तीन सदस्यों वाली कमेटी का गठन कर दिया है, जिसमें फूड एंड सप्लाई विभाग के एडीशनल डायरेक्टर अमरजीत सिंह, मार्कफेड के एसपीई सुनील पुरी और पंजाब वेयरहाउस के डीजीएम अमनदीप सिंह शामिल हैं। अनंदिता मित्रा ने कहा है कि टीम को निर्देश दिए गए हैं कि दोनों राइस मिलों की तुरंत वास्तविक जांच की जाए और वीडियोग्राफी करवाई जाए। इन मिलों को अलॉट किए गए कुल धान की वास्तविक जांच से संबंधी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाए। यह है मामला

ये दोनों मिलें एक ही व्यक्ति की हैं। मिल के यूनिट नंबर एक में वेयर हाउसिंग का धान मिलिंग के लिए लगा हुआ था, जबकि दो में पनग्रेन का। कुल अनाज में से लगभग 400 ट्रक धान खुर्द बुर्द हो गया है। मामला सोमवार शाम को उस समय विभाग के अधिकारियों की जानकारी में आया, जब पता चला कि मिल मालिक से लेन-देन करने वालों ने अपना सामान वहां से उठाना शुरू कर दिया है। देखते ही देखते अफरा-तफरी मच गई। दोनों एजेंसियों के डीएम और फूड एंड सप्लाई विभाग के अधिकारी रात को तीन बजे तक जंडियाला रोड अमृतसर स्थित इन राइस मिलों में अपना-अपना माल गिनते रहे और वीडियोग्राफी करते रहे। सीएम ऑफिस ने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को भी इस काम की देख-रेख में लगाया। मंगलवार दोपहर में जब काफी हद तक मामला साफ हुआ, तो प्रिंसिपल सेक्रेटरी फूड एंड सप्लाई केएपी सिन्हा की सिफारिश पर सीएम कैप्टन ने जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को निलंबित करने के आदेश दे दिए। साथ ही इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस के हवाले करने को कहा। पीएनबी ने कसा शिकंजा

सूत्रों के अनुसार इस केस में भी नीरव मोदी का असर हुआ है। दरअसल, राइस मिल ने बैंक से बासमती की मिलिंग के लिए 125 करोड़ रुपये की लिमिट बनवाई हुई थी, जो 31 मार्च तक पूरी होनी थी। यह एक अप्रैल से रिन्यू होनी थी, लेकिन बैंक ने लिमिट को रिन्यू करने से पहले अपनी शर्ते और कड़ी कर दीं और बासमती की वेरिफिकेशन भी रख ली। अब यह जांच का विषय बना हुआ है कि 1121 किस्म की बासमती को एमएसपी पर खरीदकर सरकार के साथ फ्रॉड किया गया था। फिलहाल जांच से पहले विभागीय अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध ली है। सूत्रों का कहना है कि राइस मिलें फूडग्रेन एजेंसियों के साथ मिलकर 1121 किस्म की बासमती को परमल के एमएसपी पर खरीदती हैं। खरीद एजेंसियां किसानों को एसएसपी दे देती हैं और मिलर बासमती व परमल की कीमत का गैप दे देते हैं। 1121 की मिलिंग करके वे बासमती को महंगे दामों पर बेच देते हैं। फिर वे यूपी बिहार से सस्ती दर पर परमल धान खरीदकर सरकार को बेच देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.