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पंजाब के 29 किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार, रेल रोको आंदोलन पर फैसला 15 को

कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे पंजाब के 29 किसान संगठन केंद्रीय कृषि सचिव से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि किसानों के रेल रोको आंदोलन को खत्म करने को लेकर फैसला 15 अक्टूबर को लिया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 04:25 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 04:58 PM (IST)
पंजाब के 29 किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार, रेल रोको आंदोलन पर फैसला 15 को
चंडीगढ़ में पत्रकारों के साथ बातचीत करते किसान नेता। जागरण

जेएनएन, चंडीगढ़। नए कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्षरत पंजाब की 29 किसान यूनियनों ने कल बुधवार को दिल्ली में कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल से मीटिंग करने पर सहमति दे दी है। यूनियन के सभी सदस्य इस मीटिंग में भाग लेंगे, लेकिन यूनियन के ओर से बातचीत के लिए केवल सात लोगों को ही अधिकृत किया गया है।

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उक्त फैसला आज चंडीगढ़ में हुई 29 किसान संगठनों की मीटिंग में लिया गया। इसके बारे में बारे में जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केंद्रीय सचिव से बात करने के लिए हमने अपना केस तैयार कर लिया है और कल उनके सामने अपनी बात रखी जाएगी। 

राजेवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह बात ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के साथ ही की जाएगी। यह भी कल उन्हें बता दिया जाएगा। पंजाब में चल रहे रेल रोको आंदोलन को फिलहाल यूं ही चलता रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंधी 15 अक्टूबर को होने वाली मीटिंग में फैसला लिया जाएगा।

बता दें, इस संबंध में आज चंडीगढ़ में तालमेल कमेटी की बैठक हुई। किसान नेताओं ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों से भी बै ठक की। किसान संगठनों ने केंद्र के समक्ष उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बताया गया है कि अगर किसान संगठनों की केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए सहमति बनी तो दो मुद्दों को प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। पहले मुद्दा यह है कि किसान केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी चाहते हैैं। जबकि दूसरा बड़ा मुद्दा यह है कि किसान सरकार से यह आश्वासन चाहते हैैं कि किसानों को अपनी जमीनों पर कारपोरेट जगत के कब्जे का कोई खतरा न हो।

उल्लेखनीय है कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलनरत हैं। प्रदेश में रेलवे नेटवर्क पूरी तरह से टूटा हुआ है। मालगाड़ियां न चलने से सामान का ढुलान पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में सरकार की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। आज से ही केंद्रीय मंत्रियों ने भी किसान संगठनों से कृषि कानूनों के बारे में बातचीत शुरू कर दी है। 


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