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शहर के अस्तित्व को बचाने के फैसलों के लिए याद रहेगा 2019

2019 हाई कोर्ट के कई बड़े फैसलों के लिए चंडीगढ़ में याद किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 08:09 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 08:09 PM (IST)
शहर के अस्तित्व को बचाने के फैसलों के लिए याद रहेगा 2019
शहर के अस्तित्व को बचाने के फैसलों के लिए याद रहेगा 2019

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ : 2019 हाई कोर्ट के कई बड़े फैसलों के लिए चंडीगढ़ में याद किया जाएगा। सुखना लेक, स्ट्रीट वेंडर्स, फ्लाईओवर, एयरपोर्ट, ध्वनि प्रदूषण पर हाई कोर्ट ने कई फैसले दिए। जिनका चंडीगढ़ के लोगों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ा। स्ट्रीट वेंडर्स को हटाना व पुनर्वास हाई कोर्ट का सबसे बड़़ा फैसला रहा। जिसका चंडीगढ़ के लोगों के साथ साथ प्रशासन पर प्रभाव पड़ा। वह था शहर से स्ट्रीट वेंडर्स को हटाना और उनको तय स्थान पर स्थापित करना। हाई कोर्ट के आदेश के बाद शहर में 9356 स्ट्रीट वेंडर्स को पंजीकृत किया गया। शहर को 44 वेंडिग जोन में विभाजित किया गया जहां 5 हजार से अधिक वेंडिग साइट्स तय की गई। इनमें रजिस्टर्ड वेंडर्स को बैठाया गया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद शहर में अन्य किसी भी जगह पर फड़ी लगाए जाने की इजाजत नहीं दी जा रही। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सेक्टर-17 को चंडीगढ़ प्रशासन ने नो वेंडिग जोन घोषित किया। ट्रिब्यून फ्लाईओवर पर लगाई रोक

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ट्रिब्यून फ्लाईओवर के निर्माण के लिए प्रशासन ने सैकड़ों वृक्षों की कटाई का निर्णय लिया तो मामला हाई कोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट ने शहर की सुंदरता और हरियाली को देखते हुए वृक्षों को काटने पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके साथ ही कहा कि यहां की ट्रैफिक की समस्या के लिए फ्लाईओवर के सिवाय भी कोई अन्य विकल्प हो सकते हैं जिससे इन सैकड़ों पेड़ों को बचाया जा सके। हाई कोर्ट ने कहा कि फ्लाईओवर की जगह अन्य क्या विकल्प हो सकता है। इसके लिए अब आम लोगों से सुझाव मांगे जाएं। इसके लिए प्रशासन एक पब्लिक नोटिस जारी कर सुझाव मंगवा सकता है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा दोनों को शामिल कर मुख्य सचिवों को शहरी विकास और राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रतिनिधियों का चयन कर चंडीगढ़ प्रशासक के मुख्य सलाहकार की अध्यक्षता वाली कमेटी में शामिल कर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए बैठक के आदेश दिए हैं। उड़ानें शुरू नहीं होने के मामले में मांगी है रिपोर्ट

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने के लंबे समय बाद भी इंटरनेशनल उड़ानें आरंभ न होने पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। हाई कोर्ट के दखल के कारण ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें आरंभ हुई। अब इस वर्ष एयरपोर्ट को कैट-3 से लैस करने और पैरलल टैक्सी टै्रक के निर्माण के लिए सुनवाई हो रही है। ओपन स्काई पॉलिसी के तहत शामिल 18 स्थानों में चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शामिल करने के लिए हाई कोर्ट ने अब पंजाब और हरियाणा के सिविल एविएशन मंत्रालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, चैल को एक बैठक कर चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुकाबले उन 18 एयरपोर्ट के पैसेंजर्स टै्रफिक की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी कर दिए हैं। क्यों फैल रहा है ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाई कोर्ट ने एक कमेटी गठित की थी। कमेटी ने अपने सुझाव सौंपते हुए कहा कि ध्वनि प्रदूषण को स्वच्छ भारत अभियान के तहत लाया जाना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करना होगा कि इसका मानव सहित पशु व पक्षियों पर कितना खतरनाक प्रभाव पड़ता है। धार्मिक संस्थानों में श्री अकाल तख्त साहिब के हुकुमनामे की तर्ज पर व्यवस्था हो जिसके अनुसार ध्वनि इतनी हो कि गुरुद्वारा परिसर में ही रहे। साथ ही जहां पर नियमों का उल्लंघन हो, वहां जिम्मेदारी तय की जाए और चीफ सेक्रेटरी व डीजीपी इसकी निगरानी रखें। सभी संस्थानों में नॉयस मॉनीटरिग का सिस्टम हो ताकि वह इसे कंट्रोल कर सकें। इसके साथ शिकायतों के लिए एक हॉटलाइन हो और इसमें आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसिजर बनाया जाए। हाई कोर्ट ने सरकार को ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए। शहर की शान की लंबे समय से चल रही सुनवाई

सुखना लेक के अस्तित्व को खतरा होने के चलते हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई कई वर्ष पूर्व आरंभ की थी। इसके बाद सुखना में पानी के साथ ही अब इसके कैचमेंट एरिया और परिधि में अवैध निर्माणों का मामला भी शामिल कर लिया गया है। इस वर्ष हाई कोर्ट के आदेश पर ही चंडीगढ़ प्रशासन ने सुखना को वेटलैंड घोषित करने की प्रक्रिया आरंभ की। साथ ही कैचमेंट एरिया में अवैध तरीके से निर्माणों पर रोक के आदेश जारी किए।


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