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चंडीगढ़ के मेयर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर की सरकारी गाड़ियों के ईधन में 20 फीसद की कटौती

नगर निगम ने आय के साधन बढ़ाने के लिए गठित कमेटी की सिफारिश पर यह प्रस्ताव बनाया गया है। लेकिन फायर अफसरों के साथ अटैच गाड़ियों के ईंधन में कटौती नहीं की जाएगी।

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 03:55 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 10:09 AM (IST)
चंडीगढ़ के मेयर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर की सरकारी गाड़ियों के ईधन में 20 फीसद की कटौती
चंडीगढ़ के मेयर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर की सरकारी गाड़ियों के ईधन में 20 फीसद की कटौती

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। नगर निगम में वित्तीय संकट होने के कारण मेयर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, चीफ इंजीनियर सहित अन्य अधिकारियों और उनके स्टाफ के साथ अटैच 66 सरकारी गाड़ियों में प्रयोग होने वाले ईंधन में 20 फीसद की कटौती होगी। हर अधिकारी के ईंधन का कोटा तय है, जिसमें कटौती का प्रस्ताव 31 अगस्त को होने वाली सदन की बैठक में पास होने के लिए आ रहा है। आय के साधन बढ़ाने के लिए गठित कमेटी की सिफारिश पर यह प्रस्ताव बनाया गया है। लेकिन फायर अफसरों के साथ अटैच गाड़ियों के ईंधन में कटौती नहीं की जाएगी।

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प्रस्ताव के अनुसार इन 66 सरकारी वाहनों के ईंधन पर साल का एक करोड़ रुपये का खर्चा आता है। 20 फीसद की कटौती का फैसला लागू होने से 20 लाख रुपये का खर्चा बचेगा। इसके साथ ही नगर निगम ने अब यह भी निर्णय ले लिया है कि भविष्य में कोई नई गाड़ी नहीं खरीदी जाएगी। अधिकारियों की सरकारी गाड़ी का प्रति माह ईंधन का कोटा अधिकारी ईंधन का कोटा मेयर 300 लीटर कमिश्नर 250 अतिरिक्त कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर 225 चीफ इंजीनियर 250 अन्य कैटेगरी 200 कम्युनिटी सेंटर और ट्यूबवेलों पर लगेंगे एटीएम नगर निगम के शहर में 300 से ज्यादा कम्युनिटी सेंटर, ट्यूबवेल और पानी के बूस्टर हैं। जिन पर नगर निगम ने बैंकों के एटीएम मशीनें लगाने का प्रपोजल बनाया है। यह प्रपोजल भी चर्चा के लिए सदन की बैठक में आ रहा है। नगर निगम के अनुसार इससे भी कमाई बढ़ेगी।

कजौली वाटर वकर्स में स्टैंड बाए पावर ट्रांसफार्मर लगाने का प्रस्ताव भी पास होने के लिए आ रहा है जिस पर एक करोड़ 40 लाख रुपये का खर्चा आएगा। कोविड-19 से निपटने के लिए अलग से हेड कोविड-19 से निपटने के लिए अलग से हेड का गठन किया जाएगा। इस हेड में 20 करोड़ रुपये की राशि रखी जाएगी। इस समय कोरोना से निपटने के लिए नगर निगम को कई तरह की जिम्मेदारी दी गई है। 21 मई को प्रशासन की ओर से शहर में बिकने वाली शराब पर पांच फीसद कोविड सेस लगाने का फैसला लिया है, जिसके तहत अब तक सात करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है। इस राशि को खर्च करने का अधिकार प्रशासन को अभी तक गृह मंत्रालय से नहीं मिला है।


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