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एंकर---40 करोड़ रुपये एकड़ में बेच रहे हो, हमें 5 करोड़ तो मिले

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ आइटी पार्क की जिस जमीन को प्रशासन 20 से 40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेच रहा है, उस जमीन को प्रशासन ने मात्र 10 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से एक्वायर किया था। अब इस जमीन के मालिक 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की माग को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। इस जमीन पर मौजूदा समय में फाइव स्टार ललित होटल बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 07:18 AM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 07:18 AM (IST)
एंकर---40 करोड़ रुपये एकड़ में बेच रहे हो, हमें 5 करोड़ तो मिले
एंकर---40 करोड़ रुपये एकड़ में बेच रहे हो, हमें 5 करोड़ तो मिले

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ आइटी पार्क की जिस जमीन को प्रशासन 20 से 40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेच रहा है, उस जमीन को प्रशासन ने मात्र 10 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से एक्वायर किया था। अब इस जमीन के मालिक 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की माग को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। इस जमीन पर मौजूदा समय में फाइव स्टार ललित होटल बना हुआ है। इसके अतिरिक्त शेष जमीन को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड 20 से 40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से नीलाम करने की तैयारी कर रहा है।

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आइटी पार्क फेस 2 की 160 एकड़ जमीन प्रशासन ने नवंबर 2002 को एक्वायर की थी। किसानों को इसका मुआवजा 10 लाख 80 हजार रुपये प्रति एकड़ दिया गया। वर्ष 2013 में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस मुआवजे को बढ़ाकर 22 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया था। हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में किसानों ने तर्क दिया है कि ललित होटल की जमीन को 20 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बेचा गया। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड 123 एकड़ जमीन को 40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से नीलाम कर रहा है। ऐसे में उन्हें कम से कम 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए। यदि प्रशासन मुआवजा नहीं दे सकता तो किसानों को उनकी जमीन वापस की जाए। इनसेट

कैबवाला में मुआवजा 5 करोड़ दिया

प्रशासन की जमीन एक्वायर करने के मामले में बार-बार किरकिरी हो रही है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 1 दर्जन से अधिक मामलों में प्रशासन को फटकार पड़ चुकी है। हाई कोर्ट ने कैबवाला की 50 एकड़ जमीन का मुआवजा भी 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से घोषित किया था। इसके खिलाफ प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन की अपील को ठुकराते हुए किसानों को साठ दिन के भीतर बढ़ा मुआवजा देने को कहा था। यही नहीं चार बार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मुआवजे के मामले में प्रशासन के अफसरों की गाड़िया तक अटैच कर चुकी है। कोट

देना होगा बढ़ा मुआवजा

'प्रशासन को किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देना पड़ेगा। इससे इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन सीधे-सीधे मुनाफाखोरी कर रहा है। यदि 10 लाख 80 हजार रुपये प्रति एकड़ में एक्वायर की गई जमीन को 20 से 40 करोड़ रुपये प्रति एकड़ में बेचा जा रहा है तो किसानों को 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ क्यों नहीं दिया जा सकता?'

-एफसी धीमान, एडवोकेट।


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