लेक क्लब, पुलिस थाने व बस स्टैंड समेत 150 इमारतें डिफाल्टर सूची में शामिल, निगम ने प्रशासन को भेजा नोटिस
नगर निगम की ओर से आगामी कार्रवाई से बचने के लिए यह राशि जल्द से जल्द जमा करवाने के लिए कहा है। नगर निगम के अनुसार अगर यह राशि जमा नहीं होगी तो इन इमारतों को सील करने का नोटिस भेजा जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। प्रशासन की 150 से ज्यादा सरकारी इमारतें ऐसी है, जिनसे नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स का दस करोड़ 23 लाख रुपये की राशि लेनी है। इन इमारतों को नगर निगम ने अपनी डिफाल्टर की सूची में शामिल किया है। इन इमारतों का बकाया राशि का भुगतान करने के लिए नगर निगम के अतिरिक्त कमिश्नर अनिल गर्ग ने प्रशासन के रोड विंग को नोटिस जारी किया है। यह राशि साल 2004 से लेकर 31 मार्च 2021 तक की है।
डिफाल्टर की सूची में शहर की प्रमुख सरकारी इमारतें शामिल है। जिनमें लेक क्लब, सीएलटीए टेनिस स्टेडियम, रोलर स्केटिंग रिंग, करूणा सदन, सेक्टर-11 और 19 का पुलिस थाना, बाल निकेतन, ओलड एज भवन, सेंट्रल लाइब्रेरी, फुटबाल स्टेडियम, सेक्टर-17 बस स्टैंड, एस्टेट आफिस, यूटी प्रैस, स्टेट ट्रासपोर्ट अर्थारिटी, सेक्टर-18 का हॉकी स्टेडियम, सेक्टर-23 का स्वीमिंग पुल, सेक्टर-29 ट्रैफिक पुलिस लाइन, सेक्टर-35,37 सिविल डिस्पेंसरी, सेक्टर-38 बी का सरकारी मॉडल हाई स्कूल, सेक्टर-42 का स्पोटर्स कांप्लेक्स, बेडमिटन हॉल के अलावा कई सेक्टरों के क्रेच और आगनबाड़ी सेंटर भी शामिल है।
नगर निगम की ओर से आगामी कार्रवाई से बचने के लिए यह राशि जल्द से जल्द जमा करवाने के लिए कहा है। नगर निगम के अनुसार अगर यह राशि जमा नहीं होगी तो इन इमारतों को सील करने का नोटिस भेजा जाएगा। इसके अलावा नगर निगम ने बिजली विभाग को 35 लाख रुपये का भी नोटिस जारी किया है। मालूम हो कि नगर निगम को हर साल प्रापर्टी और हाउस टैक्स से 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई होती है। साल 2020-21 के सत्र में नगर निगम ने इससे 54 करोड़ रुपये की कमाई करने का टारगेट रखा है। अगस्त माह को सेल्फ असेसमेंट स्कीम भी खत्म हो गई है। ऐसे में अब निजी इमारतों के लिए भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। अब टैक्स जमा करवाने पर ब्याज के अलावा जुर्माना भी लग रहा है।
पिछले साल भेजा था 44 करोड़ का नोटिस
पिछले साल भी नगर निगम ने प्रशासन की कुल 214 इमारतों को नोटिस भेजा था जिनसे 44 करोड़ रुपये की वसूली करनी थी।नगर निगम में इनमे से काफी राशि आ गई थी।
सरकारी इमारतों को सील करने से कतराता है निगम
नगर निगम की सरकारी इमारतों पर कार्रवाई करने से कतराता है।जबकि अगर कोई निजी इमारत का टैक्स जमा नहीं करवाता तो उसकी इमारत सील कर दी जाती है हाल ही में नगर निगम ने सेक्टर-45 में प्रापर्टी टैक्स जमा न होने पर दो दुकानों को सील भी कर दिया था।