कोरोना से जंग लड़ रहे मरीजों व हेल्थ वर्करों के लिए एक घंटे में बनेंगी 1200 रोटियां
स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पीजीआइ ने अहम कदम उठाया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कोरोना संक्रमित मरीजों व उनके इलाज में जुटे हेल्थ वर्कर्स और अन्य स्टाफ मेंबरों के समय पर खाना-पानी पहुंचाने और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पीजीआइ ने अहम कदम उठाया है। पीजीआइ चंडीगढ़ में हेल्थ वर्करों, मरीजों और स्टाफ के अन्य सदस्यों के लिए रोटियां तैयार करने के लिए आधुनिक मशीन खरीदी गई है। जोकि एक घंटे में कम से कम 1200 रोटियां तैयार कर देगी। इससे पीजीआइ में भर्ती कोरोना संक्रमित लोगों, अन्य मरीजों, हेल्थ वर्करों व अन्य स्टाफ को समय पर भोजन मिलेगा। वीरवार को पीजीआइ के डायरेक्टर प्रो. जगतराम ने इस रोटियां बनाने वाली मशीन का उद्घाटन किया। इस समय प्रो. जीडी पुरी, डिप्टी डायरेक्टर कुमार गौरव धवन, एफए कुमार अभय, प्रो. अमरजीत सिंह, एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल और सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर रजनीश आनंद मौजूद रहे। छह लाख रुपये से खरीदी गई मशीन
फ्रंटियर एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिग डायरेक्टर शैलेंद्र वर्मा ने पीजीआइ चंडीगढ़ को यह आधुनिक मशीन, जिससे कि एक घंटे में करीब 1200 रोटियां बन सके, पीजीआइ को डोनेट की गई। इस मशीन की कीमत छह लाख रुपये बताई जा रही है। यह मशीन पीजीआइ को इसलिए दी गई, ताकि यहां भर्ती मरीजों के लिए अलावा स्टाफ व हेल्थ वर्करों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा सके। उन्हें समय पर पौष्टिक भोजन मिल सके। सात हजार लोगों को बनता है पीजीआइ में खाना
पीजीआइ की इंप्लाई वेलफेयर कैंटीन में रोजाना मरीजों, स्टाफ व हेल्थ वर्करों को मिलाकर कुल सात हजार लोगों का खाना बनता है। कैंटीन हेल्थ वर्करों व इंप्लाई को एक रुपये में रोटी, चाय और स्नैक्स के लिए पांच रुपये लेती है। जबकि इन सात हजार लोगों का रोजाना खाने में रोटियां बनाने में अभी पांच से छह घंटे का समय लगता था। लेकिन इस आधुनिक मशीन से अब इंप्लाई व मरीजों के लिए खाना बनाना आसान हो जाएगा।