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स्टैंनफोर्ड की व‌र्ल्ड रैंकिग में पीजीआइ के 10 साइंटिस्ट का नाम शामिल

एक और कीर्तिमान साबित करते हुए विश्वभर में धमक जमाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:42 AM (IST)
स्टैंनफोर्ड की व‌र्ल्ड रैंकिग में पीजीआइ के 10 साइंटिस्ट का नाम शामिल
स्टैंनफोर्ड की व‌र्ल्ड रैंकिग में पीजीआइ के 10 साइंटिस्ट का नाम शामिल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ चंडीगढ़ ने एक और कीर्तिमान साबित करते हुए विश्वभर में धमक जमाई है। यूएसए की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की व‌र्ल्ड वाइज रैंकिग में पीजीआइ के 10 साइंटिस्ट ने जगह बनाई है। यूनिवर्सिटी के डा. जोन पीए आयोइनडीज की अध्यक्षता में विश्वभर के साइंटिस्ट का डाटा जुटाकर उनके कार्यों का विश्लेषण किया गया। जिसके आधार पर पीजीआइ के दस साइंटिस्ट को अच्छे रैंक मिले हैं। पीजीआइ डायरेक्टर प्रो. जगत राम ने कहा कि उनके साइंटिस्ट ने संस्थान का नाम विश्वभर में रोशन किया है। व‌र्ल्ड की टॉप रैंकिग में आकर इन्होंने दूसरों के लिए भी रास्ता खोला है। यह साइंटिस्ट टॉप लिस्ट में

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डा. अरुनालोक चक्रबर्ती, माइक्रोबायोलॉजी

माइक्रोबायोलॉजी के नामी विशेषज्ञ हैं। 333 रिसर्च जनरल पेपर प्रकाशित कर चुके हैं। 1983 में पहला पेपर प्रकाशित किया था। अभी 2020 में भी उनका पेपर प्रकाशित हुआ है। अपने सब्जेक्ट में उन्हें विश्वभर में 1037 रैंक मिला है। डॉ. रितेश अग्रवाल, रिस्पाइरेटरी सिस्टम

अभी तक 453 रिसर्च जनरल पेपर प्रकाशित कर चुके हैं। रिस्पाइरेटरी सिस्टम में कई नए आयाम कायम कर चुके हैं। अपने क्षेत्र के माहिर विशेषज्ञ हैं। पहला पेपर 2005 और अंतिम 2020 में प्रकाशित हुआ। विश्वभर में उन्हें अपने सब्जेक्ट के लिए 260 रैंक मिला है।

डॉ. प्रणब डे, पैथोलॉजी

अभी तक 333 रिसर्च पेपर प्रकाशित कर चुके हैं। पैथोलॉजी के क्षेत्र में विशेष पहचान रखते हैं। पहला रिसर्च पेपर 1990 में और अंतिम 2020 में प्रकाशित किया। विश्वभर में डा. प्रणब को 278 रैंकिग मिली है। डॉ. केएस चुघ, यूरोलॉजी एंड नेफ्रोलॉजी

डॉ. चुघ ने अभी तक 281 रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं। पहला रिसर्च पेपर 1962 और अंतिम 2018 में प्रकाशित हुआ। उन्हें इस व‌र्ल्ड रैंकिग में 1241वां रैंक मिला है। यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी की फील्ड में कई नई खोज कर चुके हैं। डॉ. अमोद गुप्ता, ओप्थोमोलॉजी एंड ओप्टोमेट्री

अभी तक 373 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। पहला पेपर 1979 और अंतिम 2019 में प्रकाशित हुआ। डा. गुप्ता को विश्वभर में 739 रैंक मिला है। डा. गुप्ता को उत्कृष्ठ कार्यों की वजह से उन्हें 2014 में पद्म श्री से नवाजा गया। आंखों के इलाज में उन्हें महारत हासिल है। डॉ. आरके धीमान, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी एंड हेप्टोलॉजी

अभी तक 320 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। पहला रिसर्च पेपर 1991 और अंतिम 2020 में प्रकाशित हुआ। उन्हें इस रैंकिग में 1154 रैंक मिला है। डा. धीमान गेस्ट्रो और हेप्टोलॉजी की फील्ड में अच्छा खासा नाम रखते हैं। कई खोज कर चुके हैं। डॉ. सुनित सिघी, पीडियाट्रिक्स

अभी तक 423 रिसर्च पेपर प्रकाशित कर चुके हैं। पहला रिसर्च पेपर 1977 और अंतिम 2020 में प्रकाशित हुआ। डा. सिघी को उनके कार्याें के लिए इस रैंकिग में 399 रैंक मिला है। बच्चों के माहिर चिकित्सक हैं। कई गंभीर बीमारियों का ट्रीटमेंट करने के लिए नई तकनीक खोज चुके हैं। डॉ. प्रतिभा सिघी, पीडियाट्रिक्स

326 रिसर्च पेपर अभी तक डा. प्रतिभा सिघी प्रकाशित कर चुकी हैं। कई बड़े नामी रिसर्च जनरल में उनके पेपर प्रकाशित हुए। पहला पेपर 1977 और अंतिम 2020 में प्रकाशित हुआ। उन्हें विश्वभर में 523 रैंक मिला है। बच्चों के इलाज में डा. प्रतिभा लंबा अनुभव रखती हैं। कई टेक्नीक इजाद कर चुकी हैं। डॉ. एजे कनवर, डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियल डिसीज

अभी तक 498 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। पहला पेपर 1975 और अंतिम 2019 में प्रकाशित हुआ। डा. कनवर को इस रैंकिग में विश्वभर के अंदर 782 रैंक मिला है। डॉ. रविद्र खाइवाल, इनवायरमेंटल साइंसेज

अभी तक 75 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। यंग साइंटिस्ट हैं। पहला पेपर 2001 और अंतिम 2020 में प्रकाशित हुआ। उन्हें स्टैनफोर्ड की इस रैंकिग में 761 रैंक मिला है। पर्यावरण और मानव जीवन पर मौसम के प्रभाव जैसे क्षेत्र में बहुत काम कर चुके हैं। कोरोना महामारी में भी जागरूक करने के लिए कोमिक्स प्रकाशित की। जिसे केंद्र सरकार ने भी सराहा।


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