बठिंडा में यूथ अकाली दल के उपप्रधान की गोली मारकर हत्या, उन्हींं की पिस्टल से किया फायर
बठिंडा में यूथ अकाली दल के उपप्रधान की हत्या कर दी गई। हत्या उन्हींं की लाइसेंसी पिस्तौल से की गई।
जेएनएन, बठिंडा। यूथ अकाली दल बठिंडा के उपप्रधान व 21 वर्षीय सुखनप्रीत सिंह संधू के सिर में गोली मारकर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है। हत्या के कारणों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है, जबकि मौका ए वारदात से उसका लाइसेंस पिस्टल और 40 हजार रुपये की नकदी गायब है। आशंका जताई जा रही है कि हत्या मृतक के लाइसेंस पिस्टल से की गई है।
घटना शनिवार देर रात की है। घटना को देखकर यही लगता है कि यह हत्या रंजिश के चलते ही की गई है, चूंकि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित केवल उसका पिस्टल और पैसे लेकर फरार हुआ है, जबकि उसके गले में पहनी सोने की चेन, आई फोन व एक्टिवा मौके पर पड़े हुए थे, जिससे एक बात तो साबित हो गई है कि यह वारदात लूटपाट के मकसद से नहीं की गई है।
फिलहाल, थाना कैनाल कालोनी पुलिस ने मृतक युवक के पिता के बयानों पर अज्ञात लोगों पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, रविवार को मृतक की लाश का पोस्टमार्टम करवाकर स्वजनों को सौंप दिया है। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व विधायक सरूपचंद सिंगला समेत शिअद नेताओं ने यूथ अकाली नेता की हत्या के मामले की जांच उच्चाधिकारियों से करवाने की मांग की है।
सिंगला ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से डांंवाडोल हो रही है, जबकि अब अकाली दल के पदाधिकारियों पर जानलेवा हमला होने लगा है। सुखनप्रीत सिंह सिद्दू यूथ अकाली दल का जहां पदाधिकारी था, वहीं सक्रिय सदस्य भी था। इस स्थिति में वह सरकार व पुलिस प्रशासन ने इस हत्या की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं व हत्या में शामिल लोगों के चेहरे जल्द लोगों के सामने आने चाहिए।
घर से लेकर निकाला था 40 हजार रुपये
थाना कैनाल कालोनी पुलिस को बयान देकर गली नंबर 9 लाल सिंह बस्ती के रहने वाले और सेवामुक्त पुलिस कर्मी गुरविंदर सिंह ने बताया कि शनिवार रात करीब सवा नौ बजे उसका 21 वर्षीय बेटा सुखनप्रीत सिंह संधू उर्फ सुखन घर से 40 हजार रुपये की नकदी व नई एक्टिवा लेकर निकाला था। वह घर पर बोलकर गया था कि उसने यह पैसे किसी को देने हैंं और कुछ ही देर में वह वापस आ जाएगा।
इस दौरान उसके पास अपना लाइसेंस पिस्टल भी था, चूकिं उस पर पहले इरादा ए हत्या का मामला दर्ज था और उसकी कई लोगों के साथ दुश्मनी भी थी। इसके चलते वह अपनी सुरक्षा के लिए हर समय अपने पास अपना लाइसेंस पिस्टल रखता था। करीब एक सवा घंटा बीत जाने के बाद जब वह घर वापस नहीं लौटा तो उन्होंने अपने बेटे की चिंता करते हुए उसका फोन मिलाया, लेकिन कोई जबाव नहीं मिला।
करीब साढ़े दस बजे जब उन्होंने दोबारा फोन किया तो एक पुलिस मुलाजिम ने उसका फोन उठाया और उन्हें पुराना थाना कैनाल कालोनी के पास ठंडी सड़क पर स्थित रेलवे की पानी वाली डिग्गियों के पास बुलाया। जब वह अपनी पत्नी परमजीत कौर के साथ मौके पर पहुंचे और देखा कि उसके बेटे सुखनप्रीत की लाश खून से लथपथ पड़ी हुई थी, जबकि उसके सिर में गोली लगी हुई थी। किसी अज्ञात व्यक्ति ने गोली मारकर उसके बेटे की हत्या कर दी है।
उन्होंने बताया कि उसका लाइसेंस पिस्टल और 40 हजार रुपये गायब थे, जबकि उसकी एक्टिवा, माेबाइल आदि साामान मौके पर पड़ा था। मामले की जानकारी लोगों ने नौजवान सोसायटी के सदस्यों के साथ पुलिस को दी। इसके बाद डीएसपी सिटी वन गुरजीत सिंह रोमाणा, थाना कैनाल कालोनी के प्रभारी चमकौर सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे मामले की जांच शुरु कर दी, जबकि समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी बठिंडा के सदस्यों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया।
रात का अंधेरा होने के कारण पुलिस टीम ने रविवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी, जबकि मृतक का गायब उसका लाइसेंस पिस्टल की आसपास तलाश की गई, लेकिन उकसा कोई सुराग नहीं मिल पाया। फिलहाल पुलिस मामले में आपसी रंजिश को लेकर जांच में जुटी है व इस बात का पता लगाया जा रहा है कि उनकी राजनैतिक या फिर व्यक्ति तौर पर किसी व्यक्ति के साथ किसी तरह की रंजिश तो नहीं चल रही थी। डीएसपी गुरजीत रोमाणा ने कहा कि हत्या के इस मामले में पुलिस हर पहलू से जांच कर रही हैं। जल्द आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जबकि हत्या के सही कारणों का खुलासा किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में दर्ज हुआ इरादा-ए-हत्या का केस दर्ज
मृतक सुखनप्रीत यूथ अकाली दल बठिंडा का उपप्रधान था, जबकि इसके पास पहले मालवा जोन के सचिव का पद था। सुखनप्रीत शिअद का सक्रिय वर्कर था। पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान सुखनप्रीत पर स्थानीय लाल सिंह बस्ती स्थित वोटिंग बूथ पर हुई लड़ाई के दौरान कांग्रेसी नेताओं पर गोली चला दी थी। इसके बाद कांग्रेसी नेताओं की शिकायत पर मृतक सुखनप्रीत पर इरादा ए हत्या का मामला दर्ज हुआ था और पुलिस ने इस गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। बताया जा रहा है कि करीब चार माह तक जेल के अंदर रहने के कारण वह जमानत पर बाहर आया था।