योग करना व करवाना भागवत कार्य : साध्वी देवादिती
योग का प्रचार प्रसार हमारी ऋषि परंपरा है तथा सदियों से यह कार्य भारतवर्ष में चलता रहा है क्योंकि योग ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा पूरी मानवता में सुख व समृद्धि आती है।
संवाद सहयोगी, बठिडा: योग का प्रचार प्रसार हमारी ऋषि परंपरा है तथा सदियों से यह कार्य भारतवर्ष में चलता रहा है, क्योंकि योग ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा पूरी मानवता में सुख व समृद्धि आती है। यह भागवत कार्य है। अत: हम सभी को योग करना चाहिए तथा योग की शिक्षा लेकर हमें आगे योग का प्रचार प्रसार करना चाहिए।
उपरोक्त विचार पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से पधारे आचार्य साध्वी देवादिती ने व्यक्त किए। वह पतंजलि परिवार बठिडा द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंची थीं। इस कार्यक्रम में पतंजलि परिवार के पांचों संगठन भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति, युवा भारत तथा पतंजलि किसान सेवा समिति के पदाधिकारी तथा अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए। साध्वी ने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाते हुए आह्वान किया कि कोरोना काल के दौरान हम ज्यादा योग शिविरों का आयोजन नहीं कर पाए तथा योग प्रचार के लिए हमने इंटरनेट मीडिया को अपनाया, परंतु अब दोबारा से हमें अपनी कमर कस लेनी चाहिए। हर जन तक योग का अमृत पहुंचे इसके लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। पतंजलि योगपीठ का एकमात्र उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक को योगी बनाना, निरोगी बनाना तथा देश व समाज के लिए उपयोगी बनाना। यदि हम ऐसा करने में सफल रहे तो वह दिन दूर नहीं जिस दिन भारत विश्व गुरु बन कर फिर से अपनी प्राचीन पहचान तथा वैभव को प्राप्त करेगा।
इस अवसर पर भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के राज्य प्रभारी राजेंद्र सिगारी तथा महिला पतंजलि योग समिति की राज्य प्रभारी सीमा सिगारी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य कार्यकारिणी सदस्य विजेंद्र शर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य वीना गर्ग, गुरमीत सिंह, हरि ओम, योग शिक्षक सोहन लाल गर्ग, जगदीश, पुष्पा गोयल, उषा गर्ग, नवदीप, सर्वजीत कौर, विजय कुमार, लाभ कौर, पूर्ण चंद धर्मपाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। अंत में राज्य कार्यकारिणी सदस्य बहन वीना गर्ग ने आए हुए सभी मेहमानों तथा कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया।