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अधर में लटका घरों में वाटर मीटर लगाने का काम

विवाद के चलते शहर के तमाम घरों में वाटर मीटर लगाने का कार्य अधर में लटका पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 06:15 AM (IST)
अधर में लटका घरों में वाटर मीटर लगाने का काम
अधर में लटका घरों में वाटर मीटर लगाने का काम

सुभाष चंद्र, बठिडा

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पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच चल रहे विवाद के चलते शहर के तमाम घरों में वाटर मीटर लगाने का कार्य अधर में लटका पड़ा है। लोगों के घरों में वाटर मीटर लगाने का कार्य वर्ष 2017 में शुरू किया गया था, लेकिन चार वर्षों में मात्र 8350 वाटर मीटर ही लग पाए हैं जबकि शहर के 52 हजार घरों में वाटर मीटर लगाए जाने हैं। यह काम अब पिछले लंबे समय से ठप ही पड़ा हुआ है। वाटर सप्लाई विभाग की ओर से इस कार्य को कोई तवज्जों नहीं दी जा है। हालांकि वाटर सप्लाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि त्रिवेणी कंपनी कांट्रैक्ट के दौरान तय हुए रेट के हिसाब से वाटर लगाने को तैयार नहीं है, वह ज्यादा रेट मांग रही है जबकि त्रिवेणी कंपनी का कहना है कि वाटर सप्लाई विभाग ने न तो वाटर मीटर की फिटिग के रेट की अप्रूवल तय की है और न ही जितने मीटर लगाए गए है, उसका भुगतान किया है। विभाग की तरफ से बाकी मीटर लगाने के लिए फ्रंट भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। उधर, वाटर मीटर न लगने की वजह से पानी की बर्बादी हो रही। अगर सभी घरों में मीटर लगे होंगे तो लोग संयम के साथ पानी का उपयोग करेंगे। अधिक बिल बनने के चक्कर में लोग पानी की बर्बादी नहीं कर पाएंगे।

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2017 में लगाने शुरू किए गए थे वाटर मीटर

बता दें कि शहर में वाटर मीटर के अनुसार पानी के बिलों की वसूली करने के लिए नगर निगम की तरफ से सभी घरों में मीटर लगाने की योजना बनाई गई थी। निगम व वाटर सप्लाई विभाग की की तरफ से यह योजना वर्ष 2016 में बनाई गई थी। तब शहर के 52 हजार वाटर कनेक्शनों के लिए मीटर लगाने की योजना बनी थी। वाटर मीटर लगाने का कार्य नगर निगम के साथ कांट्रैक्ट के तहत काम कर रही त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी की ओर से वर्ष 2017 में वाटर मीटर लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया। लेकिन अभी कुछ इलाकों में ही मीटर लगे थे कि काम ठप होकर रह गया। अभी तक सिर्फ टीचर कालोनी, नेशनल कालोनी, बल्ला राम नगर के अलावा बाबा फरीद नगर व ग्रीन सिटी के कुछ घरों में ही मीटर लग पाए हैं जिनकी गिनती करीब 8350 बनती है। कहां तो दो साल के अंदर सभी मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, कहां चार सालों में भी मात्र उक्त मीटर लगाने के बाद अब लंबे समय से काम ठप पड़ा हुआ है।

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कंपनी ने रोक रखा है मीटर लगाने का काम: एसडीओ

वाटर सप्लाई विभाग के एसडीओ विक्रमजीत सिंह ने कहा कि त्रिवेणी कंपनी के साथ डिस्प्यूट चल रहा है। कंपनी कांट्रैक्ट के रेट से अतिरिक्त पैसे मांगती है। इसलिए कंपनी ने मीटर लगाने का कार्य बंद कर रखा है।

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कार्य रुकने के लिए विभाग जिम्मेदार : डीजीएम

त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर वीबी शिवांगी का कहना है कि विभाग की तरफ से न उन्हें फ्रंट मुहैया करवाया जा रहा है और न ही वाटर मीटर लगाने की फिटिग के रेट को अप्रूवल दी जा रही है। इतना ही नहीं विभाग ने उनके लगाए गए मीटरों की अदायगी भी नहीं की है। तीनों मुद्दों के कारण काम रुका पड़ा है। वाटर मीटर लगाने का कार्य रुकने के लिए वाटर सप्लाई विभाग की जिम्मेदार है।


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