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जिले की सबसे युवा सरपंच ने गांव मानक खाना को दिलाए दो अवार्ड

जिले के गाव मानक खाना को केंद्र सरकार ने नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार व दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार 2021 से नवाजा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 05:36 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 05:36 AM (IST)
जिले की सबसे युवा सरपंच ने गांव मानक खाना को दिलाए दो अवार्ड
जिले की सबसे युवा सरपंच ने गांव मानक खाना को दिलाए दो अवार्ड

साहिल गर्ग, बठिंडा

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जिले के गाव मानक खाना को केंद्र सरकार ने नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार व दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार 2021 से नवाजा है। यह सम्मान गाव में किए गए सामाजिक कार्यो के अलावा सेनिटेशन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग व कचरा प्रबंधन के लिए दिए गए। इसका श्रेय गाव की सरपंच बीएससी डिग्री होल्डर सेशनदीप कौर को जाता है, जो जिलें की सबसे युवा सरपंच हैं और शुरू से ही गांव के विकास का प्रण लेकर कार्य कर रही हैं। पंचायत को यह सम्मान आनलाइन एक वर्चुअल समागम के दौरान दिया गया। इससे पहले जिले के गाव कोठे हिम्मतपुरा को भी 2019 में सम्मान मिल चुका है। महिलाओं के नाम से बनाए हैं घरों के वार्ड

385 वोटों वाले गाव को वार्डो में बाटा गया है और हर वार्ड का नाम नारी सशक्तिकरण को दिखाता है। अपने काम के लिए प्रसिद्ध हुई महिलाओं के नाम से वार्ड बनाए गए हैं। यही नहीं गाव के मुख्य रास्ते पर लगे बिजली के खंबों पर रंग करने के साथ-साथ सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संदेश भी लिखे हुए हैं, जबकि गाव की लाइटें सोलर सिस्टम के साथ चलती हैं, जिस कारण यहा पर हर समय 24 घटे लाइट रहती है। इसके अलावा गाव में शुद्ध पानी पीने के लिए आरओ सिस्टम लगा हुआ है। यहा तक कि हर घर के बाहर महिलाओं के नाम की नेम प्लेट लगी हुई है, यहा पर महिलाओं के नाम से ही घरों की पहचान होती है। गाव में गाली निकालने पर भी है पाबंदी

गाव में जगह-जगह लगे सूचना बोर्ड पर साफ लिखा है कि इस गाव में नशा करके आने वालों की एंट्री नहीं है। इसके साथ ही युवाओं ने घोषणा की है कि न तो इस गाव में कोई नशा करेगा और न ही किसी को बेचने दिया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं का सम्मान बना रहे, इसके लिए गाव में गाली निकालने पर भी जुर्माना लगाया गया है। महिलाओं की कमेटी बनाई गई है, जो हर लड़की की शादी व नवजन्मी बच्ची को शगुन देती है।

गाव में आपसी मेलजोल काफी है। कुछ सामाजिक बुराइया थीं, जो लोगों ने अपने आप ही दूर कर दीं। जैसे कि गाव में कोई ठेका नहीं है, कोई नशा इस्तेमाल नहीं करता व न ही कोई नशा बेचने आ सकता है। सारा गाव मिलजुल कर रहता है। गाव में कोई भी गाली नहीं देता और बच्चे यही अच्छी बातें सीख रहे हैं। उन्हें सख्त मेहनत करने की प्रेरणा व अच्छी सोच रखने की प्रेरणा मिल रही है।

- सेशनदीप कौर, सरपंच


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