विदेश जाने की राह में आड़े आ रहा वैक्सीन का संकट, लोग हो रहे परेशान
प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का संकट प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश समेत जिले में कोरोना वैक्सीन का स्टाक पिछले तीन दिन से खत्म होने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
नितिन सिगला, बठिडा : प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का संकट प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश समेत जिले में कोरोना वैक्सीन का स्टाक पिछले तीन दिन से खत्म होने के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं विदेश जाने वाले स्टूडेंट व लोग भी काफी परेशान हो रहे हैं। कोविशील्ड व कोवैक्सीन का स्टाक पूरी तरह से खत्म होने के कारण जिले के लोग टीकाकरण सेंटरों से बिना टीका लगवाए लौट रहे हैं, वहीं जो लोग पहली डोज लगवा चुके हैं और उनका दूसरी डोज का समय पूरा हो गया है, लेकिन वैक्सीनेशन नहीं होने के कारण उन्हें भी दिक्कत हो रही है। इसमें ज्यादातर वे लोग परेशान हो रहे हैं, जोकि कनाडा या अन्य देशों में जाना चाहते हैं। वहीं शहर में समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से लगाए जाने वाले वैक्सीनेशन कैंप भी पिछले तीन दिन से बंद हैं, जिस कारण केवल अब सरकारी सेंटरों पर ही टीकाकरण हो रहा है, लेकिन वहां पर केवल कोवैक्सीन ही लग रही है, जबकि कोविशील्ड का स्टाक बिल्कुल खत्म है। टीका लगवाने आई तो स्टाफ ने कहा-वैक्सीन नहीं है
शनिवार को सिविल अस्पताल स्थित जीएनएम स्कूल में बनाए गए टीकाकरण सेंटर पर टीका लगवाने के लिए पहुंची महिला ने बताया कि उसने कनाडा जाना है और उसकी कुछ दिनों में फ्लाइट है। शनिवार को जब वह टीका लगवाने के लिए पहुंची, तो उनसे कहा कि वैक्सीन नहीं है। टोरंटो जाना है पर टीका न लगने से परेशान हूं
बठिडा की रहने वाले अमरजीत कौर ने बताया कि चार अगस्त को उसकी टोरंटो के लिए फ्लाइट है, लेकिन सेहत विभाग के पास टीका तक नहीं है, जबकि फ्लाइट में बैठने से पहले 15 दिन पहले टीकाकरण होना जरूरी है। ऐसे में वैक्सीन नहीं होने के कारण उन्हें भी काफी परेशानी हो रही है। कोवैक्सीन की सात हजार डोज पहुंची
शनिवार सुबह जिला सेहत विभाग के पास कोवैक्सीन की करीब सात हजार डोज बठिडा पहुंची। इससे दो दिन से बंद टीकाकरण अभियान दोबारा से शुरू किया गया है, लेकिन सेहत विभाग के पास कोविडशील्ड का एक भी डोज नहीं है। ऐसे में विदेश जाने वाले लोग केवल कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाना चाहते है, चूंकि अब तक सिर्फ आठ ही देशों ने कोवैक्सीन को मंजूरी दी है, जबकि कोविडशील्ड को हर देश में मंजूरी मिली हुई है। ऐसे में जिले में 18 से 44 आयु वर्ग वालों में से ज्यादातर लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ही लगवाई है। वहीं कोविशील्ड लगाने वालों के सामने समयावधि बढ़ने की दिक्कत है। ज्यादातर अब दूसरे डोज का इंतजार कर रहे हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण फैलने के बाद विदेशों में रहने वाले भारतीयों में से कई वतन लौट आए है। इनमें कामकाजी लोगों के साथ विदेश में पढ़ रहे विद्यार्थी भी शामिल हैं। बता दें कि कोरोना की रोकथाम के लिए देश में अभी कोवैक्सीन और कोविशील्ड दो तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है। 1 मई से ही 18 से 44 साल बालों को वैक्सीन लगना शुरू हुई।