डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की वसूली कल से
नगर निगम की ओर से शहर के उपभोक्ताओं की तरफ बकाया खड़ी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की उगाही के लिए एक निजी कंपनी को टेंडर अलाट कर दिया गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा
नगर निगम की ओर से शहर के उपभोक्ताओं की तरफ बकाया खड़ी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की उगाही के लिए एक निजी कंपनी को टेंडर अलाट कर दिया गया है। कंपनी की तरफ से एक अप्रैल से यह उगाही शुरू की जाएगी। मिनी टिप्परों के साथ घर-घर और व्यापारिक संस्थानों से उठाए जाते कचरे की पिछले दो साल से उगाही बकाया खड़ी है। नगर निगम की इस कार्रवाई से लोगों की जेब पर एक साथ बोझ पड़ेगा।
नगर निगम की तरफ से घर-घर और व्यापारिक संस्थानों से कचरा कलेक्शन के लिए नवंबर 2018 में 46 मिनी टिप्परों की खरीद की गई थी। इसके लिए करीब डेढ़ सौ कर्मचारियों की भी ठेके पर भर्ती की गई थी। इसके बाद इन टिप्परों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की शुरूआत की गई थी। हालांकि टिप्पर खरीदने की योजना बनाने के दौरान नगर निगम की तरफ से अपने स्तर पर ही वसूली की भी योजना बनाई गई थी। कहा गया था इस वसूली से ही मिनी टिप्परों के डीजल, मेंटीनेंस और इन पर काम करने वाले कर्मियों के वेतन का खर्च निकाला जाएगा। इस योजना के आधार पर कचरा कलेक्शन का काम शुरू करने पर नगर निगम करीब एक साल के दौरान नामात्र ही वसूला कर सका। बीती फरवरी तक नगर निगम केवल 44.27 लाख रुपये ही वसूली कर सका है। यह राशि भी बड़े स्तर पर कचरा पैदा करने वाले व्यापारिक संस्थानों की है। नगर निगम अपने पास कर्मचारियों की बड़ी कमी के चलते सबसे वसूली का काम कर ही नहीं पाया। अब तक मुफ्त में ही कचरा उठाया जा रहा है।
उधर, नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर हरपाल सिंह भुल्लर ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज की वसूली के लिए वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। कंपनी एक अप्रैल से वसूली शुरू कर देगी। कुछ महीने पहले ही बनाई वसूली की योजना
निगम की ओर से पिछले कुछ महीनों के दौरान कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज करने की वसूली की योजना बनाई गई। वसूली का कार्य ठेके पर देने का फैसला किया गया। पहली बार टेंडर लगाया गया तो किसी कंपनी ने इस काम में दिलचस्पी नहीं दिखाई। दूसरी बार टेंडर लगाने पर दो फर्मों ने अप्लाई किया, जिसके बाद बीते कम रेट पर वसूली करने वाली कंपनी को यह काम अलाट कर दिया गया। बता दें कि नगर निगम की तरफ से घर से लेकर तमाम व्यापारिक संस्थानों के अलग-अलग रेट प्रति माह के अनुसार निर्धारित किए गए हैं, जोकि 20 रुपये से 10 हजार रुपये प्रति माह तक हैं।