गड्ढों से भरी सड़क, हिचकोलों भरा सफर
शहर की सड़कों पर सरपट दौड़ने की कोशिश जानलेवा हो सकती है। कारण स्पष्ट है कि इसकी हालत वैसी नहीं है कि बिना हिचकोले खाए कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल तक पहुंच पाए।
जागरण संवाददाता, बठिडा : शहर की सड़कों पर सरपट दौड़ने की कोशिश जानलेवा हो सकती है। कारण स्पष्ट है कि इसकी हालत वैसी नहीं है कि बिना हिचकोले खाए कोई भी व्यक्ति अपनी मंजिल तक पहुंच पाए। इसलिए धीरे चले। गड्ढों का आनंद लें। प्रशासन, राजनेता और अधिकारियों पर तो बिलकुल भड़ास न निकालें। इसे जीवन का एक हिस्सा ही समझ लें और अपनी आदत में इसे शामिल कर लें। तब जाकर पता नहीं चलेगा कि यह गड्ढे हैं या पातालगंगा का सफर।
शहर की कुछ सड़कें तो डेंजर जोन में शामिल हैं। सड़कों की हालत ऐसी है कि कभी सीवरेज का पानी भर जाता है, तो कभी बारिश का। कई दिनों तक जल समाधि लेने के बाद कीचड़ से लथपथ यह बाहर तो निकलती है, लेकिन मूल को खो देती है। हालत ऐसी बन जाती है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। हैरत वाली बात तो यह कि यह न जिला प्रशासन को दिखाई दे रहा है और न नगर निगम को। करोड़ों खर्च कर बनाई गई इन सड़कों की दुर्दशा को देखने वाला भी कोई नहीं है। दिन के समय में तो गनीमत है पर रात का सफर तो बिल्कुल ही खतरनाक है। शहर के पॉश एरिया की सड़कों की हालत भी ऐसी ही है।
यहां पर हैं बड़े गड्ढे
कहने को तो शहर का मॉडल टाउन का एरिया है, मगर मॉडल टाउन का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं है, जहां पर सड़कें न टूटी हों। मॉडल टाउन फेस एक से लेकर तीन तक सभी एरिया में सड़कों पर गड्ढे हैं। सबसे बड़ी समस्या तो सीवरेज मेन होल की हैं। शहर के सभी एरिया में ही सीवरेज के मेन होल सड़कों के लेवल से नीचे या ऊपर हैं, इनमें अकसर ही वाहन चालक टकरा कर जख्मी होते हैं। इसके अलावा शहर की परिदा रोड, बीबीवाला रोड, भट्टी रोड, अजीत रोड पर भी गड्ढे हैं। यहीं नहीं शहर की सबसे व्यस्त गोनियाना जीटी रोड पर तो कई जगहों पर गड्ढे हैं, जिनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता, जबकि दिल्ली हार्ट अस्पताल के सामने तो दूसरी तरफ रोड ही जमीन में धंसी हुई हैं।
रोजे होते हैं हादसे, कोई नहीं देता ध्यान
शहर में सड़कों की हालत खस्ता होने से हर रोज लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। अगर शहर में सड़कों की हालत ठीक होती तो हादसे कम होते हैं। यहां की टूटी फूटी ज्यादातर हादसों के लिए अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। जबकि गड्ढों में वाहन चालक अपना नुकसान कर लेते हैं। इसमें वाहन तो दूर की बात है। पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं लोगों का कहना है कि बेशक सरकार बठिडा में विकास करने के दावे कर रही है, लेकिन सड़कों की हालत इस प्रकार की है कि विकास का कोई भी पैसा सड़कों पर खर्च किया गया नजर नहीं आता। सड़कों की हालत इतनी बुरी है कि लोग अक्सर हादसों का शिकार होते हैं।
धुंध में होगी परेशानी
इन सड़कों के गड्ढों पर अधिकारियों को गनिमत तो देखो कि कहीं भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए। वहीं अब धुंध का मौसम शुरू होने वाला है। ऐसे में सड़कों पर इन गड्ढों का न दिखाई देना आम लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। दूसरी तरफ बेशक नगर निगम की ओर शहर की सड़कों की रिपेयर के लिए अब काम करवाया जा रहा है। इसके लिए करोड़ों रुपये का टेंडर भी निकाला गया है, जिसके तहत सड़कों पर प्रीमिक्स डालने का काम चल रहा है। ऐसे मौसम में प्रीमिक्स डालना भी अधिकारियों की कारगुजारी पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। जबकि लोगों का कहना है कि अधिकारियों को चाहिए कि वह धुंध का मौसम शुरू होने से पहले पहले इनको पूरा करे।