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विकसित नहीं हो पाया केशव डेयरी नगर, ट्रस्ट की हर योजना रही फेल

केशव डेयरी नगर की साइट आज तक डेवलप नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 04:36 AM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 04:36 AM (IST)
विकसित नहीं हो पाया केशव डेयरी नगर, ट्रस्ट की हर योजना रही फेल
विकसित नहीं हो पाया केशव डेयरी नगर, ट्रस्ट की हर योजना रही फेल

जागरण संवाददाता, बठिडा: शहर से पशु डेयरियों को बाहर निकालने के लिए नगर सुधार ट्रस्ट की ओर से बनाए गए केशव डेयरी नगर की साइट आज तक डेवलप नहीं हो पाई है। ट्रस्ट ने पहले जमीन को कामर्शियल के तौर पर बेचने के लिए प्रयास किया, लेकिन इसकी रिजर्व प्राइज ज्यादा होने के कारण किसी ने बोली नहीं दी। इसके बाद ट्रस्ट ने साइट को रिहायशी कर बेचने की योजना बनाई, लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ सकी। वहीं एक साल पहले इसको शापिग प्लाजा बनाकर डेवलप करने के लिए फाइल तैयार की गई, लेकिन इस पर आज तक काम नहीं हो सका। यह फाइल आज भी दफ्तरों में ही घूम रही है।

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बेशक शहर से पशु डेयरियों को बाहर निकालने की योजना तो ठीक थी, लेकिन पशु डेयरी संचालकों ने ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। इसका मुख्य कारण है कि शहर के डेयरी संचालक इसके रिजर्व प्राइस को लेकर असहमत हैं, क्योंकि प्लाट का रिजर्व प्राइस शुरूआती समय में 6048 रुपये था। इसके चलते ट्रस्ट द्वारा मांगे गए आवेदन प्रक्रिया में किसी ने हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद 2011 में तत्कालीन डीसी एस करुणा राजू ने योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। इसमें पशु डेयरी यूनियन ट्रस्ट अधिकारियों की बैठक की गई। आखिरकार दोनों पक्षों में बातचीत करते हुए रिजर्व प्राइस को कम कर 3800 रुपये कर दिया गया, लेकिन फिर भी बोली नहीं लगी। अब ट्रस्ट इसको शापिग प्लाजा के तौर पर डेवलप करने के लिए प्रयास कर रहा है। इस संबंध में ट्रस्ट की ओर से सरकार को प्लानिग बनाकर भेजी गई है, जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसको तबदील कर दिया जाएगा। 18 फरवरी 2008 में सुखबीर बादल ने रखा था नींव पत्थर डेयरी नगर का 18 फरवरी 2008 को तत्कालीन पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री मनोरंजन कालिया और उस समय के सांसद मौजूदा डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने नींव पत्थर रखा था। वहीं साल 2001 में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने सिटी से पशु डेयरियों को बाहर शिफ्ट करने के लिए डेयरी नगर बसाने की योजना तैयार की थी। योजना के तहत गोनियाना रोड पर ट्रस्ट ने 32.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। ट्रस्ट ने इस योजना में कुल 208 डेयरी प्लाट काटे थे। इन प्लाट में डेयरी के लिए अनुकूल सुविधा, पर्याप्त जल, बिजली और सीवरेज व्यवस्था का प्रबंध किया जाना था। सितंबर 2008 में म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने सिटी की डेयरियों का सर्वे करवाया था। इसमें पता चला था कि सिटी में 203 डेयरी हैं। सर्वे के आधार पर ट्रस्ट ने योजना में बदलाव करते हुए डेयरी प्लाट की संख्या को 216 कर दिया, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। ट्रस्ट के इंजीनियर गुरराज सिंह का कहना है कि फाइल बनाकर भेजी गई है, जिसकी मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू होगा।


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