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सीवरेज बोर्ड के पेमेंट न करने से त्रिवेणी के मेंटीनेंस के कार्य प्रभावित

मेंटीनेंस के कार्य सीवरेज बोर्ड की ओर से पेमेंट की अदायगी न करने के कारण प्रभावित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 05:14 AM (IST)
सीवरेज बोर्ड के पेमेंट न करने से त्रिवेणी के मेंटीनेंस के कार्य प्रभावित
सीवरेज बोर्ड के पेमेंट न करने से त्रिवेणी के मेंटीनेंस के कार्य प्रभावित

सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम के साथ 288 करोड़ रूपये के कांट्रैक्ट के तहत काम कर रही त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मेंटीनेंस के कार्य सीवरेज बोर्ड की ओर से पेमेंट की अदायगी न करने के कारण प्रभावित हो रहे हैं। पिछले दिनों नेहरू स्ट्रीट में चल रहा सीवरेज की मेंटीनेंस का काम बंद हो चुका है। इसे बीते बुधवार को कंपनी की ओर से अपनी तरफ से पैमेंट करके चालू कराया गया है। पैमेंट का भुगतान न होने से जहां मजदूरों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं संबंधित एरिया के लोगों को भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। इन दिनों अमरीक सिंह रोड स्थित नेहरू स्ट्रीट में सीवरेज की लाइन रिप्लेसमेंट का काम चल रहा था। लेकिन पिछले कई दिनों से यह काम इसलिए ठप पड़ा रहा, क्योंकि काम कर रही लेबर को पिछले महीने का वेतन नहीं मिला था। हालांकि यह वेतन त्रिवेणी कंपनी की ओर से दिया जाना होता है, लेकिन कंपनी इसलिए उन्हें वेतन नहीं दे पा रही है क्योंकि सीवरेज बोर्ड उसे अदायगी नहीं कर रही है। कंपनी की सीवरेज बोर्ड की ओर बीते मई माह से लेकर अगस्त माह तक की चार महीनों की मेंटीनेंस की पैमेंट बकाया है। मई, जून और जुलाई के तीन महीनों का वेतन भी कंपनी ने लेबर को अपने पल्ले से ही दिया हुआ है। अब अगस्त का वेतन भी बीते बुधवार को देकर रुका हुआ काम चालू कराना पड़ा है।

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सीवरेज बोर्ड को हर महीने भेजा जाता 38 लाख का बिल त्रिवेणी कंपनी के ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस (ओएंडएम) सेल के मैनेजर श्रीनिवास ने बताया कि कंपनी की ओर से शहर की सीवरेज और पानी की मेंटीनेंस का हर महीने सीवरेज बोर्ड को बिल दिया जाता है। इसकी बोर्ड ने अदायगी करनी होती है। अकेले सीवरेज की मेंटीनेंस का हर महीने करीब 38 लाख रुपये का बिल बनता है। सीवरेज बोर्ड कभी भी हर महीने बिल चुकता नहीं करता है। चार महीनों बाद जब एक माह का बिल चुकता करता है तो उसमें भी तीन-चार लाख रुपये की कटौती कर लेता है। अब पिछले चार महीनों का सीवरेज बोर्ड की ओर उनका बकाया खड़ा है। कंपनी को अपने लेबर को अपनी तरफ से वेतन देना पड़ता है। कंपनी के अधीन 150 कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें हर माह 17 लाख रुपये वेतन के रूप में दिए जाते हैं। सीवरेज बोर्ड को कंपनी की दिक्कतों से कोई वास्ता नहीं है। एक तो समय पर बिल का भुगतान नहीं किया जाता, ऊपर से सीनाजोरी भी दिखाई जाती है। वेतन न मिलने के कारण अब जब नेहरू स्ट्रीट में सीवर लाइन रिप्लेस करने का काम कर रही लेबर ने काम बंद कर दिया तो सीवरेज बोर्ड ने धमकी दे डाली अगर यह काम बोर्ड को खुद करना पड़ा तो वह कंपनी के बिल में डबल पैमेंट की कटौती करेगा। सीवरेज बोर्ड का यह रवैया ठीक नहीं है। इस तरह से कोई कंपनी कैसे काम कर पाएगी। बिलों की अदायगी न होने से कंपनी को बेहद कठिन हालात में काम करना पड़ रहा है। पैमेंट के लिए कंपनी की ओर से हर महीने रिमाइंडर भी भेजा जाता है, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों पर कोई असर नहीं होता।

निगम ने सीवरेज बोर्ड को

सभी बिलों का भुगतान किया सीवरेज बोर्ड की फंडिग एजेंसी नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर किशोर बांसल ने कहा कि उनकी तरफ सीवरेज बोर्ड के किसी भी बिल की पैमेंट बकाया नहीं है। निगम सभी बिलों की बोर्ड को पैमेंट कर चुका है। उधर, सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन अश्वनी कुमार से कई बार संपर्क करने की कोशिश की,लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।


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