साहिल गर्ग, बठिडा : वैसे तो सभी को ही पता है कि सड़कों पर लगाए गए टोल प्लाजा पर लिया जाने वाला टोल बसों में सफर करने वाले यात्रियों से ही वसूला जाता है। इसके लिए यात्री को प्रति टोल के कम से कम पांच रुपये अदा करने पड़ते हैं, जो ज्यादा से ज्यादा आठ रुपये लिए जाते हैं। पंजाब में किसानों के प्रदर्शन के कारण टोल प्लाजा पिछले दो महीनों से बंद पड़े हैं। बावजूद इसके सवारियों से आज भी टोल की वसूली की जा रही है। इसका कारण है कि बसों के किराये में टोल को जोड़कर किराया फिक्स किया हुआ है। इसको अब कम नहीं किया गया। इस कारण बसों में सफर करने वाले यात्रियों को हर रोज हजारों रुपये बिना वसूली के ही टोल के रूप में सरकार को देने पड़ रहे हैं।
पंजाब में बेशक लोगों की सुविधा के लिए बठिडा से चंडीगढ़ व बठिडा से अमृतसर तक एनएच की सड़कों को फोरलेन कर दिया गया। लेकिन इन पर टोल भी लगा दिए गए हैं। इसके लिए टोल के प्रति सवारी आठ रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। वहीं इसमें हैरानीजनक मामला यह भी है कि पंजाब सरकार द्वारा लोगों से एनएच की वेबसाइट के अनुसार तीन टोल के पैसे लिए जा रहे हैं, जबकि असल में बठिडा से चंडीगढ़ तक पांच टोल लगाए गए हैं। दूसरी तरफ अमृतसर तक सफर करने वाले लोगों को तो बिना कारण टोल देना पड़ रहा है, क्योंकि एनएच की वेबसाइट पर बठिडा से अमृतसर तक एक भी टोल नहीं है।
किराया कम करने के कोई आदेश नहीं आए : जीएम रमन शर्मा
इस मामले में बठिडा पीआरटीसी डिपो के जीएम रमन शर्मा का कहना है कि बसों का किराया सरकार की तरफ से ही तय किया जाता है। जबकि टोल सरकार के नोटिफिकेशन के हिसाब से बनाई गई स्लैब के तहत ही सवारियों से लिया जा रहा है। मगर अभी टोल बंद होने के कारण इसको कम करने के कोई आदेश नहीं हैं।
ऐसे वसूल किया जाता है टोल
बठिडा से चंडीगढ़ व अमृतसर के मिलाकर हर रोज 50 रूट जाने और 50 रूट आने के हैं। जबकि एक बस से पांचों टोल पर एक हजार रुपये तक लिए जाते थे। इस हिसाब से 100 रूट के यह एक लाख रुपये हो गए। वहीं बठिडा से चंडीगढ़ तक आने जाने वाले यात्रियों की एवरेज भी 25 हजार निकाली जा रही है। पंजाब सरकार की ओर से प्रति सवारी से 8 रुपये से ज्यादा टोल नहीं लिया जाता, जिसकी स्लैब बनाई गई है और यह टोल के हिसाब से लिए जाते हैं। इसी के साथ कुछ लोग चंडीगढ़ या अमृतसर तक नहीं जाते और वह कम सफर करते हैं, मगर टोल उनको भी देना पड़ता है, बेशक वह कम ही हो। इसके चलते एक सवारी की एवरेज पांच रुपये प्रति टोल की निकाली जाती है। जिस हिसाब से सवारियों से एक लाख 25 हजार रुपये टोल से वसूले जा रहे हैं और पिछले दो महीनों से अदा कोई पैसा नहीं किया जा रहा। इस हिसाब से एक लाख रुपये से ज्यादा तो हर रोज सरकार को टोल के रूप में सवारियों से वसूल कर रही है।
ऐसे वसूल किया जाता है किराया बठिडा से चंडीगढ़ तक के 310 रुपये प्रति सवारी के लिए जाते हैं। इसमें 228 किलोमीटर के एक रुपये 22 पैसे के हिसाब 278 रुपये के अलावा चंडीगढ़ की सीटीयू के 11 किलोमीटर तक के सफर के 25 रुपये व आठ रुपये टोल शामिल है। इसके चलते यह 311 रुपये बनता है। वहीं पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई स्लैब के अनुसार यह 310 रुपये लिए जाते हैं। इसमें ऐसा है कि अगर किराया 2.50 रुपये तक हो तो उसके पहले वाली रकम को लिया जाता है, अगर यह 2.51 हो जाए तो उसके अगले वाली रकम को लिया जाता है। मान लो किराया 12.50 रुपये बनता है तो सवारी से 10 रुपये लिए जाएंगे, अगर यह 12.51 रुपये हो गया तो सवारी से 15 रुपये लिए जाएंगे। इसके अलावा एसी, एचवीएसी व सुपर इंटरगल बसों के किराये अलग-अलग है। वेबसाइट पर नहीं दिखाई देते टोल
बठिडा से चंडीगढ़ तक रोड पर पांच टोल प्लाजा लगाए गए हैं, जिसमें एक बठिडा जिले के गांव लहरा बेगा, दूसरा बरनाला जिले के गांव बड़बर, तीसरा संगरूर जिले के गांव कालाझाड़, चौथा, पटियाला जिले के गांव अजीजपुर व पांचवा मोहाली जिले के गांव धरेड़ी जाटां में लगाया गया है। लेकिन नेशनल हाईवे की वेबसाइट पर लहरा बेगा, बड़बर व कालाझाड़ का टोल प्लाजा ही शो होता है, जबकि बाकी के अजीजपुर व धरेडी जाटां का शो नहीं होता। इसी प्रकार बठिडा से अमृतसर तक तीन टोल प्लाजा लगाए गए हैं, जिसमें पहला बठिडा जिले के गांव जीदा, दूसरा फिरोजपुर जिले के गांव कोट करूर कलां व तीसरा तरनतारन जिले के गांव उसमा में लगाया गया है। जबकि यह तीनों ही टोल प्लाजा एनएच की वेबसाइट पर दिखाई नहीं देते।
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