हर क्षण का उपयोग करने वाला ही बुद्धिमान: डा. राजेंद्र मुनि
जैन सभा के प्रवचन हाल में जैन संत डा. राजेंद्र मुनि ने प्रवचन किए।
संसू,बठिडा: जैन सभा के प्रवचन हाल में जैन संत डा. राजेंद्र मुनि ने प्रवचन करते हुए मानव जीवन को उस अनमोल चितामणि के समान बताया जो एक बार आकर गया तो दोबारा मिलना कठिन ही नहीं अपितु महाकठिन है।
उन्होंने बताया कि खेत में काम करने वाले किसान को एक बहुमूल्य हीरा प्राप्त होता है, लेकिन वह उस हीरे को मात्र कंकर समझ कर व्यर्थ में फैंक देता है। हम भी अनमोल जीवन के समय को खेल कूद, खाने-पीने, लड़ने झगड़ने में ही समाप्त किए जा रहे हैं। जीवन का सही उपयोग नहीं कर पाते। तभी कहा गया है फिर पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत। भगवान महावीर स्वामी ने गौतम स्वामी को संबोधित करते हुए कहा कि क्षण मात्र का भी प्रमाद मत करो। आलस्य जीवन का वह शत्रु है जो हमारे जीवन को छीन लेता है। कई बार समय पर कार्य न करने से बनते हुए कार्य बिगड़ जाते हैं। मुनि जी ने कहा समय नहीं जा रहा अपितु जिदगी समाप्त हो रही है। हर क्षण का उपयोग करने वाला ही बुद्धिमान है। इसलिए संसार में सभी को अच्छे कर्म करने चाहिएं।
सभा में साहित्यकार सुरेन्द्र मुनि द्वारा क्रोध के कारण पतन व क्षमा के कारण उत्थान, क्रोध से अशांति, क्षमा से शांति, क्रोध जहर तो क्षमा को अमृत बतलाते हुए कहा कि घर को स्वर्ग बनाने के लिए अपने क्रोध पर विजय पाने का अभ्यास करना चाहिए। क्रोध के कारण द्वारका जल गई, आज हमारे घर परिवार व समाज जल रहे है। महामंत्री उमेश जैन ने आये हुए सभी भक्तजनों का हार्दिक अभिनंदन किया।