थर्मल तोड़ने की प्रक्रिया शुरू, अधिकारियों ने की पूजा अर्चना, मजदूर भी पहुंचे
गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि थर्मल प्लांट के मुख्य द्वार पर किसान और विभिन्न मजदूर एवं मुलाजिम संगठन धरना देकर नारेबाजी करते रहे लेकिन इसके बावजूद इसे तोड़ने का ठेका लेने वाली कंपनी के अधिकारी और मजदूर अंदर जाते रहे है।
बठिंडा [सुभाष चंद्र]। गुरु नानक देव थर्मल प्लांट को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि थर्मल प्लांट के मुख्य द्वार पर किसान और विभिन्न मजदूर एवं मुलाजिम संगठन धरना देकर नारेबाजी करते रहे, लेकिन इसके बावजूद इसे तोड़ने का ठेका लेने वाली कंपनी के अधिकारी और मजदूर चुपके से अंदर जाते रहे है। अनेक गाड़ियों को प्रदर्शनकारियों ने बेशक अंदर नहीं जाने दिया। तनाव को देखकर थाना थर्मल पुलिस भी वहां पहुंच गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अगर थर्मल तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई तो वे सभी अंदर घुस जाएंगे और मजूदरों एवं अधिकारियों को बाहर निकाल देंगे। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिया कि ऐसा नहीं होगा। इस पर प्रदर्शनकारी दोपहर दो बजे तक थर्मल के गेट पर धरना देकर बैठे रहे। दो बजे के बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया और राज्य के वित्तमंत्री एवं क्षेत्र के विधायक मनप्रीत ¨सह बादल के जीटी रोड पर खोले गए नए दफ्तर पर पहुंच गए। जहां उन्होंने वित्तमंत्री मनप्रीत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि प्रदर्शनकारी किसानों और मुलाजिम मजदूरों को लगता है कि थर्मल को तोड़ने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
धरना शुरू होने से पहले ही एक दर्जन से अधिक संबंधित कंपनी के अधिकारी प्लांट के अंदर पहुंच चुके थे। इसके अलावा काफी संख्या में मजदूर भी अंदर पहुंच गए हैं। जहां सुबह उन्होंने सबसे पहले प्लांट के तोड़ने का काम शुरू करने के लिए पूजा अर्चना की। बता दें कि थर्मल प्लांट को तोड़ने का मुंबई की एचआर कंपनी ने 164.6 करोड़ रुपये का ठेका लिया है। थर्मल के आगे धरने के अलावा वित्तमंत्री के दफ्तर पर भी प्रदर्शन उधर, धरने के दौरान भारतीय किसान यूनियन सहित विभिन्न मजदूर मुलाजिम संगठनों के नेताओं ने दावा किया कि संबंधित कंपनी के अधिकारियों ने थर्मल प्लांट को तोड़ना शुरू करने से पहले नारियल फोड़कर काम आरंभ करने की कोशिश की थी, परंतु उनके विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका।
कंपनी के अधिकारियों की गाड़ियों को वापस भेज दिया गया। नेताओं ने कहा कि उन्होंने प्रण कर लिया है कि वह किसी भी हालत में थर्मल प्लांट को टूटने नहीं देंगे। अगर जबरन थर्मल तोड़ने की कोशिश की गई तो थर्मल प्लांट के आगे अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरू किया जाएगा। थर्मल के आगे धरना देने के बाद किसानों, मजदूरों और मुलाजिमों ने वित्तमंत्री के दफ्तर समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर अमरजीत ¨सह हनी, सुखदीप ¨सह बाठ, सुखदर्शन ¨सह, हर¨बदर ¨सह फरीदकोट कोटली, मिट्ठू ¨सह, गुरमेल ¨सह, नैब ¨सह, अमरजीत कौर, बिमला रानी आदि नेताओं ने अपने अपने विचार रखे।