टीकाकरण का टारगेट 9286 का, रोजाना लग रहे महज 1500
जिस रफ्तार से प्रदेश समेत जिले में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है उतनी ही धीमी गति से कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण हो रहा है।
नितिन सिगला,बठिडा
जिस रफ्तार से प्रदेश समेत जिले में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही धीमी गति से कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण हो रहा है। हालांकि, सेहत विभाग की तरफ से बठिडा समेत प्रदेश के सभी जिलों में हररोज टीकाकरण करने का टारगेट फिक्स किया है ताकि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन अनुसार आगामी तीन माह के भीतर 18 साल से ऊपर वाली 70 फीसद आबादी को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जा सके, लेकिन टीकाकरण की मौजूदा गति को देखकर नहीं लग रहा है कि यह टारगेट अगले तीन माह में पूरा हो जाएगा। बठिडा जिले का प्रतिदिन 9286 लोगों को और साप्तहिक में 65 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। मौजूदा स्थिति में हररोज 1300 से 1500 के बीच ही टीकाकरण हो रहा है। सेहत विभाग ने अब 110 से ज्यादा जिले में टीकाकरण सेंटर शुरू करने के अलावा मोबाइल टीम वैन और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से कैंप लगाकर टीकाकरण शुरू किया है, लेकिन इसके बावजूद भी सेहत विभाग 1500 से ऊपर की संख्या पार नहीं कर पा रहा है।
एक सच यह भी है कि सेहत विभाग खुद अपने रजिस्ट्रेर हेल्थ वर्करों का टीकारण अभी तक नहीं कर पाया है। अगर केवल बठिडा जिले की बात करें, तो सेहत विभाग ने सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के 11 हजार 150 हेल्थ वर्करों का रजिस्ट्रेशन किया था, लेकिन बीती सात अप्रैल तक करीब 65 फीसद यानि 7220 ही हेल्थ वर्करों का टीकाकरण हुआ है। ऐसे में 18 साल से अधिक उम्र वाली कुल आबादी के 70 फीसद लोगों का तीन माह में टीकाकरण करने का लक्ष्य अब सेहत विभाग के लिए एक चुनौती बन गया है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोग कम दिखा रहे दिलचस्पी
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो का कहना है कि सरकार ने हररोज नौ हजार के करीब लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य दिया है, लेकिन जिले में 1500 के करीब हो रहा है। सबसे कम टीकाकरण ग्रामीण इलाकों में रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग टीकाकरण के लिए आगे नहीं आ रहे, जबकि शहरी लोग टीकाकरण के लिए आगे आ रहे हैं। सेहत विभाग की तरफ से ग्रामीण एरिया के लोगों को लगातार जागरूक भी किया जा रहा है। लोगों को खुद टीकाकरण के लिए आगे आना होगा, तब ही हम कोरोना को हरा सकेंगे।