नियमानुसार 24 घंटे में बनाना होता है मेयर: गुरमेल सिंह
अमरजीत कौर मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से बुधवार को टीचर्स होम में प्रेसवार्ता कर बठिडा का मेयर चुनने पर सवाल उठाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा: अमरजीत कौर मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से बुधवार को टीचर्स होम में प्रेसवार्ता कर बठिडा का मेयर चुनने पर सवाल उठाए गए हैं। ट्रस्ट के चेयरमैन गुरमेल सिंह मौजी ने बताया कि 17 फरवरी को चुनावों का नतीजा आ गया था, जिसको दो महीने बीत गए हैं। आज तक बठिडा को मेयर नहीं मिला। उन्होंने नगर निगम एक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि नियमों के अनुसार मेयर के अलावा सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के पद को नतीजा आने के बाद 24 घंटे में घोषित करना होता है, लेकिन यहां पर दो महीने बीतने के बाद भी घोषणा नहीं की गई।
उनका कहना है कि जब तक मेयर नहीं बनता, तब तक निगम में काम भी नहीं होते। अगर नगर निगम के कमिश्नर को कोई पत्र देने जाए तो वह मिलते ही नहीं, जबकि यहां का सिस्टम तो ऐसा है कि मेयर बनाने के लिए पहले स्थानीय विधायक पर नजर होती है, जिसको आगे निकाय मंत्री देखते हैं। अंत में मुख्यमंत्री देखते हैं, लेकिन यह प्रोसेस किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि जो भी पार्षद चुने जाते हैं, वह पार्टी के साथ नहीं, बल्कि लोगों के साथ होने चाहिएं। उनकी मुख्य जिम्मेवारी बनती है कि वह अपने वार्ड में लोगों के काम करवाएं।
काऊ सेस वसूलने के बावजूद सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु
गुरमेल सिंह ने आरोप लगाया कि पार्षदों को शपथ भी दो दिन पहले दिलाई गई, जो नियमों के अनुसार सही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि शहर में निगम की जिम्मेवारी लोगों को सुरक्षा मुहैया करवाने की होती है, लेकिन यहां पर तो काऊ सेस वसूले जाने के बाद भी सड़कों पर बेसहारा पशू घूम रहे हैं, जिस कारण अक्सर ही हादसे होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बस स्टैंड को भी शहर से बाहर लेकर जाने की मांग की ताकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके।