सफाई सेवक हड़ताल पर, शहर से नहीं उठा 100 टन कचरा
कोरोना काल के दौरान मुश्किलों में फंसे लोगों को अब शहर में सफाई न होने के कारण और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, बठिडा: कोरोना काल के दौरान मुश्किलों में फंसे लोगों को अब शहर में सफाई न होने के कारण और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है कि सफाई सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इसके चलते शुक्रवार को हड़ताल के पहले दिन शहर से 100 टन कचरा नहीं उठाया गया। शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। वहीं सफाई सेवक यूनियन द्वारा नगर निगम के गेट पर नारेबाजी भी की गई।
सफाई सेवक यूनियन के प्रधान वीरभान ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के प्रति टालमटोल कर रही है, जबकि हर बार उनको भरोसा दिया है। मगर जब मांगों को पूरा करने की बात आती है तो कोई हल नहीं होता। उनके द्वारा ठेका प्रणाली खत्म कर काम करते सफाई सेवक, सीवरमैन, माली, बेलदार, इलेक्ट्रिशियन, पंप आपरेटर, कंप्यूटर आपरेटर, क्लर्क, ड्राइवर व फायर ब्रिगेड के कच्चे कर्मियों को पक्का करने के अलावा शहर में बीटों के अनुसार सफाई सेवकों की भर्ती करने, वेतन समय पर देने, बराबर काम बराबर वेतन देने, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का सरकारीकरण करने, जिन मुलाजिमों से 31 दिसंबर 2011 तक पेंशन संबंधी आप्शन ली है उसका प्रोसेस पूरा कर पेंशन लगाने, नई पेंशन स्कीम बंद करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने समेत सभी लाभ देने, निकाय विभाग के अधीन काम करते क्लर्क की 15 साल की सर्विस होने पर इंस्पेक्टर व पंप आपरेटर की 15 साल की सर्विस होने पर जेई बनाने, सफाई कर्मचारियों के लिए स्पेशल भत्ता 1 हजार रुपये प्रति महीना करने, मुलाजिमों के खातों में पीएफ जमा करने, योग्यता रखने वाले मुलाजिमों को तरक्की देने, पंचायतों के कर्मचारियों को पानी व सीवरेज के बिलों में छूट देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके पर होला राम, रामचरन, अशोक बिट्टू, मदन भारती आदि उपस्थित थे।