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तीसरे दिन भी सिविल सर्जन दफ्तर ताले में बंद

डाक्टरों की ओर से सिविल सर्जन पर की गई तालाबंदी तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:56 PM (IST)
तीसरे दिन भी सिविल सर्जन दफ्तर ताले में बंद
तीसरे दिन भी सिविल सर्जन दफ्तर ताले में बंद

जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब सरकार की ओर से डाक्टरों के एनपीए समेत अन्य भत्तों में कटौती करने के विरोध में डाक्टरों की ओर से सिविल सर्जन पर की गई तालाबंदी तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। डाक्टर सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर धरना लगाकर प्रदर्शन करते रहे। दूसरी तरफ अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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अस्पताल में ओपीडी समेत तमाम सेवाएं बंद होने के कराण लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में महंगे दाम पर इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं सिविल सर्जन दफ्तर को ताला लगा होने से कागजी काम भी बंद हो गए हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान सिविल सर्जन दफ्तर में क्लेरिकल काम भी नहीं हुआ। सरकारी अस्पताल में ओपीडी से लेकर इलेक्टिव सर्जरी, यूडीआइडी कैंप, आयुषमान भारत सरबत सेहत बीमा योजना, आर्म व ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए होने वाली मेडिकल एग्जामिनेशन, डोप टेस्ट, ई-संजीवनी की आनलाइन कंसल्टेशन को पूरी तरह से बंद रखा गया। प्रधान डा. जगरूप सिंह का कहना है कि पंजाब सरकार बिना किसी लिखित आश्वासन के धरना प्रदर्शन खत्म करने के लिए कह रही है, जोकि एसोसिएशन को स्वीकार नहीं है। चार घंटे चक्का जाम, यात्रियों की छूटी बस

पक्की नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के मुलाजिमों ने बुधवार को बस स्टैंड पर चार घंटे चक्का जाम किया। पीआरटीवी व पंजाब रोडवेज वर्कर यूनियन की ओर से मंत्रियों के साथ मीटिग के आधार पर अह तक कोई हल न निकलने पर धरना लगाया गया। इस कारण दिन भर शहर के लोग जाम में जूझते रहे। बसों के ड्राइवरों व कंडक्टरों ने सड़क पर बसों को खड़ा कर रास्ते बंद कर दिए, जिसके चलते एकदम से सारा ट्रैफिक अस्त व्यस्त हो गया।

बसों के न चलने से यात्री बस स्टैंड के बाहर खड़े बसों के आने का इंतजार करते रहे। यहां तक कि ट्रैफिक बंद होने से बाहर से बसों में आए यात्रियों को दूर ही उतार दिया गया। इस कारण उनको एक किलोमीटर तक पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों की ओर से अपनी बसों को रूटीन की तरह चलाया गया, लेकिन इसके लिए यात्रियों को बस स्टैंड से काफी दूर जाना पड़ा। इस कारण सबसे ज्यादा परेशानी तो नौकरीपेशा लोगों को हुई, जिन्हें ड्यूटी पर जाने के लिए परेशान होना पड़ा। बहुत से यात्री तो बस स्टैंड के अंदर व बाहर खड़े होकर बसों के चलने का इंतजार करते रहे। जबकि महिला यात्री तो लोगों से यही पूछती हुई नजर आई कि सरकारी बस कब चलेगी, लेकिन किसी ने इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। वहीं हड़ताल के कारण अलग-अलग शहरों के चलने वाली बसों के 80 के करीब रूट भी प्रभावित हुए। प्रदर्शन के दौरान राज्य सरपरस्त कमल कुमार, डिपो प्रधान संदीप सिंह, कुलदीप सिंह, उप प्रधान गुरदीप सिंह ने आने वाले समय में नौ से 11 अगस्त तक तीन दिवसीय हड़ताल कर कैप्टन अमरिदर सिंह या नवजोत सिंह सिद्धू के घर के आगे प्रदर्शन किया जाएगा।


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