दस फीसदी रिबेट के साथ आखिरी दिन 1500 रिटर्न के साथ जमा हुआ 16 लाख रुपये प्रापर्टी टैक्स
दस फीसद छूट के साथ बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भरने के आखिरी दिन बुधवार को नगर निगम दफ्तर में लंबी कतारे देखने को मिली।
नितिन सिगला, बठिडा : दस फीसद छूट के साथ बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भरने के आखिरी दिन बुधवार को नगर निगम दफ्तर में लंबी कतारे देखने को मिली। सुबह नौ बजे से दफ्तर खुलने के साथ छूट के साथ टैक्स भरने के लिए लोग उमड़े पड़े। लाइन में लगाकर अपना टैक्स जमा करवाते दिखाई दिए। देर शाम तक निगम अधिकारी प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाते दिखाई दिए। बुधवार को आखिरी दिन 1500 से ज्यादा रिटर्न से करीब 18 लाख रुपये टैक्स निगम के खाते में जमा हुआ, जबकि बीती मंगलवार को साढ़े 17 लाख रुपये टैक्स जमा हुआ था। हालांकि, निगम ने साल 2019-20 का साढ़े 12 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें बुधवार तक करीब 11 करोड़ रुपये पूरा हो गया है, जबकि बाकी बचा करीब डेढ़ करोड़ रुपये का टारगेट 31 मार्च से पहले पूरा करने की भरसक कोशिश निगम अधिकारियों की तरफ से किया जा रहा है। निगम सुपरिंटेंडेंट रवि कुमार लूना ने बताया कि वीरवार से निगम को प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने पर 10 फीसद जुर्माना भी अदा करना होगा, जोकि 26 मई तक जारी रहेगा। उसके बाद भी टैक्स नहीं जमा करवाने वाले व्यक्ति को 20 फीसद जुर्माना और 18 फीसद ब्याज देना होगा। यह जुर्माना व ब्याज साल 2013 से लेकर 2020 तक सभी प्रॉपर्टी टैक्स पर देना होगा, जबकि एक अप्रैल 2020 के बाद साल 2020-21 का टैक्स भरने पर दस फीसद रिबेट मिलेगी। निकाय विभाग ने वन टाइम सैटलमेंट स्कीम के तहत पूरा बकाया टैक्स एक साथ जमा करवाने पर दस फीसद रिबेट देने का ऐलान किया है। यह रिबेट करदाताओं द्वारा साल 2020 तक बकाया अपना पूरा टैक्स एकमुश्त भरने पर मिलनी थी। इसकी आखिरी तारीख 26 फरवरी तय की गई थी। वहीं करदाताओं को सेल्फ असेसमेंट के तहत टैक्स भरने की सुविधा दी गई है। विभाग की इस स्कीम आने से पहले 24 हजार से अधिक लोगों को टैक्स नहीं भरने का नोटिस जारी किया था। इसमें टैक्स नहीं भरने पर उनकी बिल्डिग को सील करने के आदेश दिए गए थे। निगम की तरफ से किए गए एक सर्वे के बाद पता चला था कि बठिडा शहर के 20 हजार से ज्यादा टैक्स करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। इसमें ज्यादा तरह ऐसे लोग है, जिन्होंने पूर्व तीन सालों से लगातार टैक्स नहीं भरा है, जबकि सैंकड़ों लोग ऐसे भी शामिल है, जिन्होंने साल 2013 से प्रॉपर्टी टैक्स लागू होने से लेकर अब तक एक भार भी अपना प्रॉपर्टी टैक्स निगम के पास जमा नहीं करवाया है। सरकार के इस आदेशों के बाद टैक्स ब्रांच ने पूर्व सात सालों के उन करदाताओं का रिकॉर्ड खंगाला शुरू कर दिया है, जिन्हें प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाया है, ताकि उन्हें इस स्कीम के तहत अपना बकाया टैक्स एकमुश्त में भरने के लिए नोटिस जारी किए जा सके। हालांकि, पहले सरकार की तरफ से 30 सितंबर तक टैक्स भरने वालों के लिए 10 फीसद की रिबेट रखी गई थी। इसके तहत 1 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर, 2019 तक नगर निगम के पास करीब आठ करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन हुई थी। नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को साढ़े 12 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन का टारगेट है। वहीं वर्ष 2019-20 के लिए अभी तक पिछले साल की तुलना में अभी तक 15,575 करदाताओं की ओर से अपनी-अपनी रिटर्न नहीं भरी गई है। वहीं अभी तक निगम के पास 11 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स जमा हुआ है।
साढ़े 95 हजारों प्रॉपर्टी में से 48 हजार पर लागू होता टैक्स
निगम के रिकार्ड के मुताबिक शहर में 95 हजार 429 कॉमर्शियल व रिहायशी यूनिट है, जिसमें से केवल 47 हजार 975 यूनिट पर ही प्रॉपर्टी टैक्स लागू होता है। इसमें 53 हजार 871 रिहायशी यूनिट में से 31 हजार 636 टैक्सेबल है, जबकि 22 हजार 235 नॉन टैक्सबेल है, जिसमें केवल 125 गज तक वाले यूनिट है, जिन्हें सरकार की तरफ से टैक्स में छूट है। इसी तरह 15 हजार 818 कॉमर्शियल यूनिट है। इसके अलावा 24 हजार खाली प्लाट व 1673 ऐसे यूनिट आफिस है, जोकि नॉन टैक्सबेल में शामिल है।
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कमर्शियल बिल्डिगों का सबसे ज्यादा टैक्स बकाया
निगम प्रॉपर्टी टैक्स में रूप में सबसे अधिक आय कमर्शियल बिल्डिगों से आती है, क्योंकि कमर्शियल बिल्डिग के रेट अधिक है, वहीं किराये पर दी बिल्डिगों से किराये के तहत प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली होती है। ऐसे में निगम को सबसे अधिक आय आने की उम्मीद है, हालांकि शहर में रिहायशी मकान अधिक है, लेकिन निगम द्वारा रखे साढ़े 11 करोड़ रुपये के टारगेट का 50 फीसदी से अधिक टैक्स कॉमर्शियल बिल्डिग से एकत्र होता है।