निगम के आश्वासन पर त्रिवेणी ने फिर से शुरू किया काम
वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड की ओर से 288 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत शहर के सीवर और पानी के रख-रखाव का काम देख रही त्रिवेणी इंजीनियरिग प्राइवेट लिमिटेड के अगस्त के बिल में आठ लाख रुपये की कटौती करने के चलते पैदा हुआ विवाद हल हो गया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड की ओर से 288 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत शहर के सीवर और पानी के रख-रखाव का काम देख रही त्रिवेणी इंजीनियरिग प्राइवेट लिमिटेड के अगस्त के बिल में आठ लाख रुपये की कटौती करने के चलते पैदा हुआ विवाद हल हो गया। बीते एक दिसंबर में शहर भर में सीवरेज और पानी के रख-रखाव का काम ठप कर देने के बाद नगर निगम अधिकारियों की ओर से जल्दी ही विवाद हल करने के दिए आश्वासन के उपरांत कंपनी ने एक बार काम फिर से चालू कर दिया है।
इसके चलते शहर के लोगों को सीवरेज के ओवरफ्लो होकर जलभराव होने व पानी की लीकेज की शिकायतों से राहत मिलने लगी है। फिलहाल इस मामले में त्रिवेणी कंपनी ने भी संयम से काम लिया है। अगर यह विवाद अधिक देर तक चलता तो न केवल निगम को बल्कि शहर के लोगों को भी बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ना था। चूंकि शहर के अनेक इलाके सीवर के ओवरफ्लो की समस्या से जूझते रहते हैं। त्रिवेणी कांट्रैक्ट के तहत
कर रही रख-रखाव राज्य की पूर्व अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2016 में नगर निगम और सीवरेज बोर्ड का त्रिवेणी कंपनी के साथ 288 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट हुआ था। इस कांट्रैक्ट के तहत शहर के लोगों को शत-प्रतिशत सीवरेज एवं पानी की सुविधा उपलब्ध कराने और उसके रख-रखाव का काम शामिल है। लेकिन बीते नवंबर में जब त्रिवेणी कंपनी की ओर से अगस्त का मेंटीनेंस का बिल सीवरेज बोर्ड को सौंपा गया तो बोर्ड ने उसमें आठ लाख रुपये की कटौती कर डाली। इस कटौती का कारण पूछने पर बताया गया कि उसने सुपर सक्कर मशीन से काम नहीं किया। लेकिन कंपनी ने काम करने का दावा ठोका तो बोर्ड अधिकारियों ने कहा कि जिस दिन यह कार्य करने को कहा गया था उस दिन नहीं किया गया। त्रिवेणी कंपनी ने इसके जवाब में भी कहा कि कई बार समय पर मशीन न मिलने के कारण काम में एक-दो दिन की देरी भी हो जाती है। लेकिन बोर्ड अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। आखिर त्रिवेणी ने बीती एक दिसंबर से सीवरेज और वाटर सप्लाई की लोगों की शिकायतें सुननी बंद कर दी, वहीं शहर में जलभराव और लीकेज की शिकायतों का निपटारा करने का कार्य भी रोक दिया। इससे शहर के अनेक इलाकों में शिकायतों की संख्या बढ़ने लगी। शिकायतों की बढ़ती हुई संख्या व लोगों के निगम दफ्तर में आने की तादाद बढ़ने पर निगम अधिकारियों ने त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों को मिल बैठकर शीघ्र ही कटौती के मसले का समाधान करने का भरोसा दिया। इसके बाद त्रिवेणी कंपनी ने रख-रखाव का कार्य दोबारा करना शुरू कर दिया। अब त्रिवेणी कंपनी को इस मसले के स्थायी समाधान का इंतजार है। त्रिवेणी कंपनी का दावा है कि पिछले तीन वर्षों में सीवरेज बोर्ड उनके रख-रखाव के काम से करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की कटौती कर चुका है।