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जिला एसएसपी दफ्तर के लिए आरटीआइ एक्ट बना मजाक

दफ्तरों में जनता के हित के लिए जारी किए निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:47 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:47 AM (IST)
जिला एसएसपी दफ्तर के लिए आरटीआइ एक्ट बना मजाक
जिला एसएसपी दफ्तर के लिए आरटीआइ एक्ट बना मजाक

जासं,बठिडा: नवनियुक्त मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पर्सनल विभाग की तरफ से पंजाब के सरकारी दफ्तरों में अफसरों, अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही पंजाब के कार्यालयों में पारदर्शिता लाने और शिकायतों का पहल के आधार पर हल करने के निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ दफ्तरों में जनता के हित के लिए जारी किए निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अधिकतर कार्यालय ऐसे हैं जो सूचना का अधिकार (आरटीआइ) में मांगी गई सूचना 30 दिन में भी देना जरूरी नहीं समझते। इन्हीं में से एक है एसएसपी दफ्तर, जहां से दो माह बाद भी एक भी आरटीआइ का जवाब नहीं दिया गया।

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दरअसल, एसएसपी कार्यालय बठिडा में आरटीआइ कार्यकर्ता संजीव गोयल ने 29 जुलाई 2021 को 19 आरटीआइ आवेदन जिले के सभी अलग-अलग थानों के लिए भेजे थे। इसमें थानों के काम संबंधी सूचना मांगी गई थी। निर्धारित 30 दिन के अंदर 19 में से एक भी आरटीआइ की सूचना नहीं दी गई। इसके बाद पहली अपीलेट अथारिटी के पास 19 अपील केस लगाए गए, जिसमें मांगी गई सूचना दिलवाने और संबंधित लोक सूचना अफसर पर बनती कार्रवाई करने, जुर्माना लगाने और आवेदक को हर्जाना दिलवाने के लिए भी लिखा गया था। अपीलेट अथारिटी-कम-इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (पुलिस महानिरीक्षक) की तरफ से सभी 19 अपील केसों में मांगी गई सूचना एक केस में 4 सितंबर 2021, एक केस में 14 सितंबर 2021 और बाकी के 17 केसों की सूचना 15 सितंबर 2021 तक देने के आदेश जारी किए गए, लेकिन इसके बावजूद सूचना नहीं दी गई। अब इस बात को दो महीने का समय निकल चुका है। सूचना के लिए आवेदनकर्ता हो रहे परेशान: संजीव गोयल

संजीव गोयल का कहना है कि अकेला एसएसपी दफ्तर ही नहीं, पंजाब के बहुत से दूसरे दफ्तरों में भी ऐसे ही चल रहा है। आरटीआइ में सूचना लेने वालों को बड़ी मेहनत करनी पड़ती है और राज्य सूचना कमीशन पंजाब चंडीगढ़ तक केस लगाने पड़ते हैं। लोक सूचना अफसरों की तरफ से निर्धारित 30 दिन के भीतर सूचना न देकर आरटीआइ आवेदनकर्ता को परेशान किया जाता है। वहीं लोक सूचना अफसरों के ऐसा करने से राज्य सूचना आयोग पंजाब चंडीगढ़ में भी केसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।


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