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जूता पाॅलिश करने वाला सनी हिंदुस्तानी बना इंडियन आइडल का विजेता, बठिंडा में जश्‍न

बठिंडा का जूता पाॅलिश करने वाला सनी हिंदुस्‍तानी के सिर सजा है सुरों के विजेता का ताज। सनी सिंगिं‍ग शो इंडियन आइडल का विजता बना है। सनी की जीत से बठिंडा में जश्‍न का माहौल है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 12:51 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 08:52 AM (IST)
जूता पाॅलिश करने वाला सनी हिंदुस्तानी बना इंडियन आइडल का विजेता, बठिंडा में जश्‍न
जूता पाॅलिश करने वाला सनी हिंदुस्तानी बना इंडियन आइडल का विजेता, बठिंडा में जश्‍न

बठिंडा, [सुभाष चंद्र]। पंजाब के बठिंडा के जूता पाॅलिश करने वाले सनी हिंदुस्‍तानी के सिर सुरों का ताज सजा है। सनी टीवी सिंगिंग रियल्‍टी शो इंडियन आइडल का विजेता बन गया है। शो को फिनाले में सनी को विजेता घोषित किया गया तो बठिंडा शहर खुशी से झूम उठा। शहर में देर रात दीवाली सा समां हो गया और लोगों की आतिशबाजी से शहर रोशन हो गया। सनी की कामयाबी पर लोगों ने खुशी जाहिर की।

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25 लाख के चेक के साथ एक लाख रूपये और चेक तथा एक फिल्म में गाने का मौका मिले

सनी हिंदुस्‍तानी ने शो में अपनी गायकी से देश भर के संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया था और उनके विजेता बनने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिरकार यह सच साबित हुई। सनी हिंदुस्तानी इंडियन आइडल के 11वें सीजन का विजेता बन गया है। सर्वाधिक वोट हासिल करके उसने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ दिया। इंडियन आइडल के नए सीजन की शुरूआत से ही सनी ने संगीत प्रेमियों का दिल अपनी दमदार गायकी से  जीत लिया था। शो के दौरान कई संगीत के जानकारों ने तो उसकी तुलना मशहूम गायक व संगीतकार नुसरत फतेह अली खान तक से कर दी थी।

सनी को विनर बनने पर 25 लाख की राशि की इनामी राशि मिली। इसके अलावा एक लाख रूपये का अलग चेक मिला है। इसके साथ ही एक फिल्म में गाने का भी उसे मौका मिलेगा। इंडियन आइडल में भाग लेने के दौरान सनी हिंदुस्‍तानी तीन फिल्मों में गाने गा चुका है।  करीब 21 वर्षीय सनी इंडियन आइडल में भाग लेने से पहले तक बूट पॉलिश करता था। लेकिन, अपनी गायकी से वह कुछ समय में ही संगीत का सितारा बन गया। सनी के पिता नानक भी बूट पॉलिश ही करते थे। उनकी जम्मू में आई बाढ़ के दौरान मौत हो गई थी। वह वहां सैनिकों के बूट पॉलिश करने के लिए जाया करते थे।

पिता भी करते थे बूट पाॅलिश, जम्‍मू में आई बाढ़ में हो गर्द थी मौत

उसके पिता भी गाते थे, लेकिन ब्याह-शादियों में कुछ खाने के लिए मांगने की खातिर। सनी के परिजनों के अनुसार, उसकी दादी भी गाकर भीख मांगती थीं। मां सोमा देवी भी अब तक गलियों घूम घूम कर गुब्‍बारे बेचती रही हैं। इसके अलावा वह लोगों के घरों से चावल आदि मांगकर घर का गुजारा चलाती रही हैं।

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