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शिक्षण के साथ-साथ समाजसेवा का भी जज्बा

गांव सेलबराह के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रिसिपल अमनदीप सिंह सेखों व सरकारी स्कूल पक्का कलां के असीम मिड्ढा का चयन हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 11:06 PM (IST)
शिक्षण के साथ-साथ समाजसेवा का भी जज्बा
शिक्षण के साथ-साथ समाजसेवा का भी जज्बा

ज्योति बबेरवाल, बठिडा

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सरकारी स्कूलों में अच्छा काम करने वाले अध्यापकों को सम्मानित करने व उनका हौसला बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग पांच सितंबर को यंग टीचर अवार्ड-2020 देगा। उम्मीदवारों की लिस्ट में बठिडा के भी दो अध्यापक हैं। गांव सेलबराह के सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रिसिपल अमनदीप सिंह सेखों व सरकारी स्कूल पक्का कलां के असीम मिड्ढा का चयन हुआ है।

अमनदीप सिंह सेखों सरकारी स्कूलों के हालातों को सुधारने के साथ समाजसेवा में भी अहम योगदान दे रहे हैं। वह मालती ज्ञान पीठ अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 2017 में गांव सेलबराह के स्कूल को ज्वाइन किया तो स्कूल की हालत ठीक नहीं थी। सबसे पहले तो रेनोवेशन करवाई। जब काम शुरू किया तो पैसों का कुछ नहीं सोचा था, मगर बाद में दानी सज्जनों के सहयोग से 3.50 लाख रुपये की राशि के साथ स्कूल की रिपेयर करवाई। इससे पहले बठिडा की लाल सिंह बस्ती के स्कूल में तैनात थे तो वहां पर बच्चों के बैठने के लिए बैंच का प्रबंध किया। अब तक 25 बार रक्तदान कर चुके हैं। वह स्कूल के बच्चों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं।

दूसरा नाम गांव पक्का कलां के सरकारी स्कूल के 25 वर्षीय अध्यापक असीम मिड्ढा का है। असीम ने जब सरकारी स्कूल पक्का कलां ज्वाइन किया था तो उस समय स्कूल में केवल 143 बच्चे ही पढ़ते थे। उन्होंने गांव के बच्चों के अलावा आसपास के गांवों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस मेहनत के चलते आज सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 225 पर पहुंच गई हैं। असीम ने समाजसेवी संस्थाओं की मदद से स्कूल में आरओ, एलईडी, साउंड की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई। असीम ने बताया कि जब वह सरकारी अध्यापक बने थे, तभी से उन्होंने सोच लिया था कि वह स्कूल में पढ़ाने के साथ बच्चों के लिए कुछ अलग करेंगे। आज उन्हें खुशी है कि वह इसमें कामयाब हुए हैं।


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