ट्रेनिग व डाइट के बिना ही घर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं स्कॉलर खिलाड़ी
कोविड-19 वायरस की गंभीरता को देखते हुए राज्य खेल विभाग ने खेल सेंटरों को बंद कर रखा है।
संस, बठिडा : कोविड-19 वायरस की गंभीरता को देखते हुए राज्य खेल विभाग ने खेल सेंटरों को बंद कर रखा है। डे स्कॉलर विग भी बंद हैं। विभाग की ओर से विग के ट्रायल जनवरी में ले लिए थे। खिलाड़ियों को किसी प्रकार की डाइट नहीं मिल रही। पिछले साल डे स्कालर्स को सौ रुपये प्रतिदिन हिसाब से डाइट मिलती थी। अब खिलाड़ी घर में रहकर ट्रेनिग कर पसीना बहा रहे है लेकिन डाइट नहीं मिल रही है। इसके अलावा विभाग की तरफ से डे स्कालर्स के अकाउंट में भी डाइट जमा नहीं करवाई जा रही। इस कारण उन्होंने बिना डाइट के प्रैक्टिस करनी पड़ती है, वहीं इस संबंध में स्पोर्ट्स विभाग का कहना है कि डाइट का नियम सिर्फ प्रैक्टिक्स टाइम पर लागू होता है। गौर है कि हर वर्ष स्पोर्ट्स विभाग की तरफ से डे स्कालर्स का चुनाव किया जाता है। इसमें करीब प्रत्येक वर्ष 200 से सवा सौ विद्यार्थी भाग लेता है। पिछले साल करीब 200 खिलाड़ियों का चुनाव किया गया था, लेकिन इस वर्ष खिलाड़ियों की सूची बनाकर चंडीगढ़ भेजी गई थी। कोरोना के कारण जिसका चुनाव अभी तक नहीं किया गया।
इस वर्ष किसी भी खिलाड़ी
को नहीं मिली रही ट्रेनिग कोरोना के चलते ज्यादातर विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कार्य कर रहे हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ डे स्कॉलर को किसी भी प्रकार की कोई ऑनलाइन ट्रेनिग भी नहीं दी जा रही। इसके अलावा उन्हें डाइट से भी वंचित किया जा रहा है। उनको मिलने वाली डाइट उनके खातों में जमा भी नहीं करवाई जा रही। अगर डाइट की बात की जाए, तो प्रत्येक खिलाड़ी को करीब सौ रुपए दिए जाते हैं। इसमें खिलाड़ियों की दो टाइम की डाइट शामिल है। इस डाइट में केले, बादाम, सोया मिल्क व अन्य खाने की वस्तुएं शामिल है, लेकिन कोरेाना के कारण विभाग की तरफ से डाइट भेजी ही नहीं गई। जिले में डाइट के आते हैं बीस से 25 हजार रुपये अगर जिले में खिलाड़ियों की डाइट की बात की जाए, तो करीब 20 से 25 हजार रुपए डे स्कॉलर के लिए आते हैं, जिनमें खिलाड़ियों को खाने का प्रबंध करने के लिए ठेके किए जाते हैं, ठेके द्वारा सेंटर के सहयोग से सुबह शाम प्रैक्टिस करने आने वाले खिलाड़ियों को डाइट दी जाती है। इसके बाद स्पोर्ट्स विभाग की तरफ से ठेकेदारों को पैसे दे रहे हैं।
प्रैक्टिस न होने के कारण नहीं आ रही डाइट इस साल कोई प्रैक्टिकस न होने के कारण किसी भी खिलाड़ी को डाइट नहीं दी जा रही। सभी खिलाड़ियों को प्रैक्टिकस के अनुसार डाइट मिलती है। अब किसी भी प्रकार की कोई प्रैक्टिकस नहीं होती। इसलिए अभी तक डाइट भी नहीं भेजी गई।
रुपिदर सिंह, जिला स्पोर्ट्स अधिकारी