आर्बिट बस काउंटर पर लगाने से भड़के रोडवेज मुलाजिमों ने लगाया जाम
बठिडा के बस स्टैंड पर बुधवार सुबह आर्बिट कंपनी के ड्राइवरों ने बसें काउंटर पर लगानी शुरू कर दीं।
जागरण संवाददाता, बठिडा: हाई कोर्ट की ओर से आर्बिट की बसों को छोड़ने के आदेश जारी होने के बाद बठिडा के बस स्टैंड पर बुधवार सुबह आर्बिट कंपनी के ड्राइवरों ने बसें काउंटर पर लगानी शुरू कर दीं। इसी दौरान रोडवेज के मुलाबिज भड़क उठे और दोनों आपरेटरों के बीच जमकर बहस हुई। इसके बाद भड़के रोडवेज के मुलाजिमों ने बस स्टैंड का मुख्य गेट बंद कर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे लोग जाम की स्थिति से जूझते रहे। बठिडा डिपो के जीएम रमन शर्मा भी मुलाजिमों को शांत करवाने के लिए मौके पर पहुंचे। इसके बाद एसएसपी अजय मलूजा भी पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने यूनियन के प्रधान से बातचीत कर मामले को शांत किया और जाम खुलवाया। एसएसपी मलूजा ने यूनियन को भरोसा दिया कि सरकारी ट्रांसपोर्ट के साथ किसी भी प्रकार का धक्का नहीं होने दिया जाएगा।
दरअसल, ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडि़ंग के आदेश पर बीते दिनों आर्बिट कंपनी की बसों को टैक्स न भरने पर बंद कर दिया गया था। इसके खिलाफ कंपनी ने हाई कोर्ट में रिट डाली तो कोर्ट ने उक्त कंपनी की बसों को एक घंटे में छोड़ने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद बुधवार को जब बस स्टैंड से बंद की गई बस को काउंटर से मानसा के लिए चलाया जाने लगा तो रोडवेज के मुलाजिमों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि अब तक बस चलाने के लिए कोई लिखती आदेश नहीं आए, जिसके चलते वे बस को चलने नहीं देंगे। इसे लेकर रोडवेज व निजी आपरेटरों में तकरारबाजी हो गई और रोडवेज मुलाजिमों ने वहीं पर जाम लगा दिया। कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का आदेश भी लागू करे सरकार: यूनियन रोडवेज मुलाजिमों ने सरकार पर भी आरोप लगाया कि बेशक ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वड़िंग बढि़या काम कर रहे हैं, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश को पंजाब सरकार ने तुरंत लागू कर दिया, जबकि वे अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, जिन्हें लागू नहीं किया जा रहा। प्रधान संदीप सिंह ने बताया कि सभी लोग पूंजीपतियों को ही पहल देते हैं। हाई कोर्ट ने मुलाजिमों के लिए बराबर काम बराबर वेतन के अलावा कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का भी फैसला सुनाया है, लेकिन इसे सरकार लागू नहीं कर रही। इस कारण अब उनको संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जाम में फंसे लोग, कंधे पर ढोना पड़ा सामान बठिडा के बस स्टैंड के गेट को दोपहर 12:30 बजे बंद कर दिया गया, जिससे शहर का ट्रैफिक एकदम से प्रभावित हो गया। बस स्टैंड का गेट बंद होने से जब कोई भी बस बाहर नहीं निकल पाई तो बसों में बैठी सवारियां बस में ही बैठी रहीं। दोपहर दो बजे के करीब जाम खुलने के बाद बसें चल पाई। वहीं बस स्टैंड के अंदर व बाहर जाने वाले यात्री सामान अपने कंधों पर उठाने के लिए मजबूर हुए। बस स्टैंड के बाहर जाम लगा होने से शहर का सारा ट्रैफिक पावर हाउस रोड से सिविल स्टेशन की तरफ डायवर्ट किया गया। वाहनों की शहर में लंबी-लंबी लाइनें लग गई। लोगों को हनुमान चौक से बस स्टैंड तक रेंग रेंग कर चलना पड़ा। दोपहर के समय स्कूलों में बच्चों को छुट्टी होने के कारण स्कूल वैनें भी जाम में फंसी रहीं। निजी आपरेटरों की ओर से अपनी बसों को बस स्टैंड के बाहर से चलाया गया।