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कथा सुनने व सुनाने वाले दोनों को होती है बैकुंठ की प्राप्ति

चार दिसंबर तक साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 03:44 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 03:44 PM (IST)
कथा सुनने व सुनाने वाले दोनों को होती है बैकुंठ की प्राप्ति
कथा सुनने व सुनाने वाले दोनों को होती है बैकुंठ की प्राप्ति

संस, बठिडा : पंचवटी नगर के निवासियों की ओर से गली नंबर एक के नजदीक मित्तल मॉल के पास लेकर चार दिसंबर तक साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत कथा के आरंभ से एक दिन पहले वृंदावन धाम से पधारे हुए स्वामी 1008 डा. श्री रमेशानंद जी महाराज के नेतृत्व में विशाल कलश यात्रा निकाली गई। यह भव्य यात्रा कथा स्थल से शुरू होकर पंचवटी नगर की विभिन्न गलियों से गुजरी। यात्रा के रास्ते में लोगों ने घरों से बाहर आकर पुष्पवर्षा करके व प्रसाद बांटकर कलश यात्रा का स्वागत किता। श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन कई परिवारों ने मिलकर श्रीमद् भागवत पुराण का विधिवत पूजन करवाकर भागवत कथा का आरंभ करवाया। कथा के पहले दिन स्वामी जी ने भागवत की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि कलियुग में भागवत कथा के सुनने मात्र से मानव का कल्याण हो जाता है। उन्होंने कहा कि जो कर्म भगवान को अर्पित कर दिए जाते हैं, वो सत्कर्म हो जाते हैं। श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन भी एक सत्कर्म है। सतयुग, द्वापर व त्रेता युग में जो फल ध्यान, यज्ञ एवं पूजन से भी मुश्किल से मिलता था, वहीं फल कलयुग में केवल भगवान की कथा एवं नाम कीर्तन से मिल जाता है। प्राणी यदि एकाग्रता से श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कर ले तो कलियुग में भी बंधन से मुक्त हो सकता है। धुंधकारी जैसे पापी का उद्धार भगवान की कथा व कीर्तन सुनने मात्र से हो गया। अंत में सभी श्रद्धालुओं ने मिलकर श्रीमद्भागवत पुराण की आरती की।

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इस मौके पर विजय जिदल ठेकेदार ने बताया कि 27 नवंबर से लेकर तीन दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 2.30 बजे से लेकर तीन बजे तक संगीतमयी श्री हनुमान चालीसा पाठ व भजन कीर्तन होगा तथा शाम तीन बजे से छह बजे तक स्वामी 1008 डा: श्री रमेशानंद जी महाराज भागवत कथा अमृत वर्षा करेंगे। आखिरी दिन चार दिसंबर को सुबह सत्संग व भंडारा होगा।


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