सतगुरु ही हमें निरंकार के ब्रह्म ज्ञान से जोड़ता है : दुग्गल
निरंकारी भवन में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : निरंकारी भवन में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान संत निरंकारी मंडल के जोनल इंचार्ज एसपी दुग्गल ने कहा कि सतगुरु ही हमें निरंकार के ब्रह्म ज्ञान से जोड़ता है। गुरु का शब्द निरंकार है जो कि हमें इससे जोड़ता है और दृढ़ विश्वास बनाता है। कहा कि ज्ञान का शब्द आत्मा से है, शरीर से नहीं, जिससे निरंकार का ध्यान करना है। आत्मा निरंकार का सरुप है जो अपने ही घर से बिछड़ी हुई है। सतगुरु की कृपा से ही आत्मा को परमात्मा से मिलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इंसान अपने जीवन में रहकर निरंकार का सिमरन, ध्यान करते हुए आत्मा से परमात्मा से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने गुरु को खुश कर लिया उस इंसान के घर के दुख दर्द, क्लेश दूर हो जाते हैं। जीवन में खुशी के आनंद प्राप्त करते हुए हमेशा इस निरंकार के गुणगान करते हुए शुकराना करता रहता है। उन्होंने कहा कि सतगुरु ने हमेशा ही निरंकार का ध्यान करने के लिए कहा है। उठते बैठते हर पल इस निरंकार का ही सिमरन करना है। हर कर्म करते हुए हमें भय रहता है कि यह निरंकार हमेशा हमारे अंग-संग है। गुरु के वचनों को मन में बसाकर उनके वचनों पर चलकर उनकी सेवा, सिमरन, सत्संग करना है। जबकि गुरुमत की शिक्षा हमारे मन में बस सके। कहा कि आत्मा हमेशा अमर रहती है। गुरु का शब्द हमारे मन में हमेशा के लिए जगह बना लेता है। इसलिए हमें अपने जीवन में सभी से प्रेम से रहना चाहिए। हमें निम्रता से चलना चाहिए। इंसान इस ज्ञान सरोवर में फिर हीरे, मोती चुगता हुआ चुगली, ईष्र्या से बचा रहता है। लगातार संगत करने से शांति मिलती है। हमारा नाता सतगुरु से जुड़ा रहता है।