महानगर के एलईडी प्रोजेक्ट पर उठने लगे सवाल
आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने शहर के एलईडी प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं।
जासं, बठिडा : ग्राहक जागो संस्था के सचिव तथा आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने शहर के एलईडी प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम शहर में पुरानी ट्यूब लाइट्स और बल्बों को बदल कर एलईडी लाइट्स लगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 16.60 करोड़ रुपये है। 15 अगस्त 2020 को वित्तमंत्री इस प्रोजेक्ट को शहर के निवासियों के सुपुर्द किया गया था। सूचना के अधिकार कानून -2005 के अधीन नगर निगम से मिली सूचना के अनुसार बठिडा शहर में निगम के अधीन कुल 23454 स्ट्रीट लाइट्स लगी हुई हैं।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत के समय मॉल रोड़ पर जो बल्ब लगे हुये थे उनको उतार कर नई एलईडी लाइट्स लगाई गयी थीं। मॉल रोड़ के डिवाईडर पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की गिनती 100 लाइट्स के लगभग है। उसके कुछ दिनों बाद ही इन नई लगाई गयी एलईडी लाइट्स में से बहुत सी बंद हो गयी हैं। जिस दिन इस प्रोजेक्ट को बठिडा शहर के निवासियों के सुपुर्द किया गया था उसी दिन ही फायर ब्रिगेड चौक के पास ही नई लगाई एलईडी लाइट खराब हो गयी थी। शहर में अगर ऐसी ही एलईडी लाइट्स लगाई गई तो जब तक पूरे शहर में नई लाइट्स लगाई जाएंगी तब तक तो बहुत सी खराब हो चुकी होंगी। यह सोचने वाली बात है।
वेबसाइट नहीं की जा रही अपडेट संजीव गोयल ने कहा कि स्ट्रीट लाइट शाखा के अधिकारियों के द्वारा नगर निगम की वेबसाइट को भी अपडेट नहीं करवाया जाता है। जबकि इस पर हर साल लाखों रूपये खर्च भी किये जाते हैं। कार्यालय की वेबसाइट बनवाने और उसको चलाने पर हर साल लाखों रुपये खर्च करने का मकसद होता है कि लोगों की कार्यालय से संबंधित हर जानकारी वेबसाइट के माध्यम से लोगों तक पहुंच सके। सूचना के अधिकार कानून से मिली सूचना के अनुसार बठिडा शहर में निगम के अधीन कुल 23454 स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं जबकि नगर निगम की वेबसाइट के अनुसार शहर के चारों डिवीजनों में सिर्फ 14000 के लगभग स्ट्रीट लाइट के प्वाइंट लगे होने का डिस्प्ले हो रहा है। इससे पता चलता है कि नगर निगम के स्ट्रीट लाइट शाखा के अधिकारी अपनी ड्यूटी और जिम्मेदारी के प्रति कितना गम्भीर हैं।