सब्जी पसंद नहीं तो कहीं मेकअप को लेकर झगड़ा नौकरी जाने का तनाव..और मोबाइल भी एक वजह
कोरोना वायरस के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह लगाए गए लॉकडाउन ने सब काम बंद कर दिए। लोग घरों में कैद हो गए। भले ही वे संक्रमण से तो बचे रहे लेकिन उनके रिश्तों में कोरोना का वायरस घुस गया।
साहिल गर्ग, बठिडा
कोरोना वायरस के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह लगाए गए लॉकडाउन ने सब काम बंद कर दिए। लोग घरों में कैद हो गए। भले ही वे संक्रमण से तो बचे रहे लेकिन उनके रिश्तों में 'कोरोना का वायरस' घुस गया। तनाव इतना बढ़ गया कि घरेलू झगड़े बढ़ गए। हर छोटी-बड़ी बात से नाराजगी व मनमुटाव होने लगा। वन स्टॉप सखी सेंटर में जहां महीने में औसतन दस शिकायतें पहुंचती थी, वहीं लॉकडाउन के दौरान इनकी संख्या डबल हो गई। कहीं पति को सब्जी पंसद नहीं आ रही तो कहीं उसका पत्नी के तैयार नहीं होने व मेकअप का सामान नहीं लाने को लेकर झगड़ा हुआ। शिकायतों में नौकरी जाने का तनाव भी दिखा और मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल भी निकलकर सामने आया। इनमें ज्यादातर शिकायतें महिलाओं ने की। पत्नी को समय नहीं देने के आरोप बुजुर्ग महिलाओं के साथ-साथ लव मैरिज करने वालों ने लगाए। हालांकि सखी सेंटर पहुंची इन सभी शिकायतों का निपटारा कर दिया गया। किसी को फोन पर समझाया गया तो किसी को सेंटर में बुलाया। वहां दोनों की बात सुन समाधान निकाला गया लेकिन इस सब में एक बात कॉमन निकलकर आई कि घरों में कैद होकर तनाव बढ़ा जिससे इन शिकायतों ने जन्म लिया। जिला चाइल्ड एंड प्रोटेक्शन अफसर कम सखी सेंटर की नोडल अधिकारी रवणीत कौर सिद्धू ने बताया कि उनकी पहले कोशिश होती है कि केस में समझौता करवा दिया। इसके लिए काउंसलिग भी की जाती है, हल न निकले तो पुलिस की मदद ली जाती है। उनके पास हर बात का लिखित में रिकॉर्ड भी होता है। लॉकडाउन के दौरान आई शिकायतों में आपसी समझ की कमी दिखी। सभी का निपटारा हो गया। --------------
ऐसी-ऐसी शिकायतें पहुंची।
-दंपति के बच्चे का अगले दिन जन्मदिन था। पति ने कर्फ्यू के बावजूद जन्मदिन की तैयारी के साथ†ासाथ सारा सामान दिला दिया। पत्नी को मेकअप का सामान दिलाना भूल गया। इसी को लेकर झगड़ा हो गया।
-पति पत्नी की लव मैरीज हुई। पति हर चीज लाकर देने को तैयार था लेकिन पत्नी की शिकायत थी कि वह उसको समय नहीं देता। लॉकडाउन में घर पर तो हैं लेकिन सारा दिन मोबाइल व दोस्तों से बात में लगे रहते हैं।
- एक केस में पति ने रात 9 बजे तक खाना न मिलने पर सखी सेंटर फोन कर दिया। आधे घंटे बाद ही पत्नी ने सब्जी बनाकर उसकी वीडियो बनाई और सखी सेंटर के स्टाफ को भेज दी।
- एक केस बुजुर्ग दंपति का भी रहा। उनके बच्चे भी शादीशुदा थे लेकिन बुजुर्ग पति की लॉकडाउन की वजह से नौकरी वली गई थी। उम्र के इस पड़ाव में नौकरी जाने के कारण दोनों में तनाव व झगड़ा रहने लगा।
-पत्नी व पति दोनों नौकरीपेशा हैं। लॉकडाउन में घर पर रहने के कारण दोनों चिड़चिड़े हो गए। पत्नी फोन ज्यादा चलाने लगी। यह बात पति को हजम नहीं हुई। यह इनके झगड़े का कारण बनी।
-----------
जनवरी से जून तक ऐसे रहा अंतर
बठिंडा सखी सेंटर में 22 मार्च से अब तक 78 केस पति-पत्नी के झगड़े के सामने आए हैं। जनवरी से मार्च तक इनकी संख्या महज 33 थी। हालांकि मार्च 2017 से खोले गए सेंटर में अब तक 539 केस आए हैं, जिसमें से 515 को निपटा दिया गया है। सेंटर में बनाए गए शैल्टर में अब तक 80 के करीब महिलाएं रह चुकी हैं। अकेले लॉकडाउन में ही 25 के करीब महिलाएं रहीं। बाद में पति से उनका समझौता हो गया।
-------------------------------
इनके साथ करें संपर्क
बठिडा के सखी सेंटर में पति पत्नी के झगड़ों को निपटाने के लिए दो काउंसलर हैं। इसके लिए काउंसलर गुरविदर कौर के मोबाइल नंबर 79867-05900 या काउंसलर प्राची के मोबाइल नंबर 98881-28887 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सखी सेंटर में युवा से लेकर बुजुर्ग हर उम्र के दंपती के झगड़े के केस पहुंचे। ज्यादातर केसों में तो लड़के या लड़की की अपने ससुराल वालों से नहीं बनती। लॉकडाउन में पहुंचे केस का नेचर एकदम से अलग था।