शिक्षा की गुणवत्ता समय की मुख्य जरूरत : प्रो. बूटा सिंह
विकास व नतीजों पर आधारित शिक्षा व मान्यता विषय पर एक दिवसीय जागरूकता वेबिनार करवाया गया।
जासं, बठिंडा : महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी बठिडा व इंद्र कुमार गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर की ओर से नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिएशन (एनबीए) के सहयोग से विकास व नतीजों पर आधारित शिक्षा व मान्यता विषय पर एक दिवसीय जागरूकता वेबिनार करवाया गया। यह प्रोग्राम एनबीए नई दिल्ली द्वारा स्पांसर किया गया था, जहां प्रमुख स्त्रोत व्यक्तियों ने तकनीकी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं व एनबीए स्वीकृति से संबंधित नई जानकारियों को सांझा किया। इस वेबिनार में दोनों टेक्निकल यूनिवर्सिटियों के एफिलिएटेड व कंस्टीच्यूएट कालेजों ने भी उत्साह से भाग लिया।
एनबीए चेयरमैन प्रो. डा. केके अग्रवाल ने बताया कि नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिशन द्वारा प्रमाणित करवाना हर शैक्षणिक संस्था के लिए जरूरी है। जबकि एनबीए सर्टिफिकेट संस्था को बहुत से लाभों को समझने में सहायता करता है। उन्होंने बताया कि एनबीए मान्यता द्वारा संस्थाएं नवीनता व आधुनिक तरीकों को अपनाने के समर्थ बनती हैं। इसके अलावा एमआरएस पीटीयू के कुलपति प्रो. बूटा सिंह ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता समय की मुख्य जरूरत है। उनका मानना है कि देश उच्च तकनीकी शिक्षा की तरफ तेजी से बढ़ रहा है व देश में यूनिवर्सिटियां व तकनीकी संस्थाओं की गिनती में भी कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। मगर शिक्षा की गुणवत्ता आज भी चिता का विषय बनी हुई है। इस दौरान आइकेजी पीटीयू के कुलपति प्रो. अजय कुमार शर्मा ने नतीजा आधारित शिक्षा व मान्यता के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
वहीं एनबीए के मेंबर सचिव डा. अनिल कुमार नासा ने मूल्यांकन विधि, दिशा-निर्देशों, लाभ, क्वालिटी, पहलकदमियों, वाशिंगटन समझौता मेंबरशिप के साथ इसके फायदे व एनबीए की भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। जबकि चेन्नई की आइआइटी मद्रास के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर प्रो. मुथुकृष्णन ने नतीजा आधारित शिक्षा व प्राप्ती, विजन, मिशन, प्रोग्राम शैक्षणिक उद्देश्यों, ग्रैजुएट गुणों व प्रोग्रामों के नतीजों के प्रमुख हिस्सों के बारे में अपने विचार पेश किए। इस दौरान आइकेजी पीटीयू के डीन अकादमिक प्रो. विकास चावला, एमआरएस पीटीयू के प्रोग्राम कन्वीनर डा. बलविदर सिंह संधू ने विचार प्रस्तुत किए।