बसों के टाइम टेबल को लेकर चार घंटे लगाया जाम
बसों के टाइम टेबल को लेकर शुक्रवार को चार घंटे के लिए पीआरटीसी कर्मचारियों ने जाम लगा दिया।
जागरण संवाददाता, बठिडा: बसों के टाइम टेबल को लेकर शुक्रवार को चार घंटे के लिए पीआरटीसी कर्मचारियों ने जाम लगा दिया, जिसके चलते पूरा दिन लोग परेशान रहे। लोग लंबे ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। कर्मचारियों ने यह जाम नए टाइम टेबल को रद करने के विरोध में लगाया गया। सोमवार तक मसले का हल होने के आश्वासन पर जाम खोला गया।
असल में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले 24 दिसंबर 2021 को बसों को नए सिरे से बनाए गए टाइम टेबल के अनुसार चलाया गया। मगर कुछ निजी बस आपरेटरों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर कोर्ट में कंटेंप्ट फाइल कर दी, जिसके चलते आरटीए सचिव ने 17 जनवरी को पुराने टाइम टेबल पर ही बसों को चलाने के आदेश जारी किए। इसके विरोध में पीआरटीसी कर्मचारियों की यूनियनों ने बस स्टैंड के अलावा पूरा शहर बंद कर दिया। यूनियन नेताओं ने शहर का कोई भी ऐसा चौक या चौराहा नहीं छोड़ा, जहां पर बसों को खड़ा कर उसको बंद नहीं किया गया हो। इस कारण लोग पूरा दिन परेशान होते रहे। शहर की मुख्य आइटीआइ चौक, भाई घन्हैया चौक, फौजी चौक, पावर हाऊस रोड, बस स्टैंड चौक, दाना मंडी चौक में बसों को खड़ा कर रास्ते बंद कर दिए गए। पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज वर्कर यूनियन के प्रधान संदीप सिंह ने कहा कि पीआरटीसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नए टाइम टेबल को रद किया गया है। इसके विरोध में अब शहर जाम किया गया। अगर सोमवार की मीटिग में कोई हल न निकला तो वह पूरे पंजाब के सभी पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के डिपो बंद करेंगे। सरकारी अधिकारी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
आइटीआइ चौक में फंसी एंबुलेंस व आर्मी की गाड़ियां आइटीआइ चौक में एंबुलेंस व आर्मी की गाड़ियां तक फंस गईं। यहां तक कि एक एंबुलेंस तो डेड बाडी को लेकर आधे घंटे तक घूमती रही, जिसके बाद वह रास्ते बदल कर निकली। बस स्टैंड के अंदर बैठी सवारियां बसों के चलने का इंतजार करती रहीं। जाम न खुलता देख मौके पर पहुंचे डीएसपी चिरंजीव ने भी यूनियन नेताओं से बात कर मामला सुलझाने का प्रयास किया। लेकिन कोई हल नहीं हुआ तो यूनियन नेताओं की डीसी की अगुआई में मीटिग करवाई गई, जिसमें आरटीए सचिव बलविदर सिंह व जीएम रमन शर्मा भी पहुंचे। इस दौरान सोमवार तक मामले का हल का भरोसा दिया गया, जिसके बाद जाम खोला। ऐसे बनाया गया था नया टाइम टेबल
बठिडा डिपो से चलने वाली सरकारी व प्राइवेट बसों के समय में पहले काफी अंतर था। इसके तहत सरकारी बस को काउंटर पर आठ मिनट का समय मिलता था तो प्राइवेट बस को 15 मिनट का समय मिलता था। लेकिन नए टाइम के अनुसार सभी बसों को बराबर का समय दिया गया। इसको 24 दिसंबर को बनाकर लागू किया गया। मगर निजी बसों की कंटेंपट के बाद रद्द किया तो हंगामा हुआ। पीआरटीसी भी है डिफाल्टर
आरटीए सचिव बलविदर सिंह के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के 2016 के आदेशों के अनुसार नए टाइम टेबल में कोई भी ऐसी ट्रांसपोर्ट को शामिल नहीं किया जा सकता, जो टैक्स डिफाल्टर हो या फिर एक परमिट पर दो बसें हों, लेकिन जब नया टाइम टेबल बनाया गया तो निजी ट्रांसपोर्टरों ने कंटेंप्ट दायर कर बताया कि पीआरटीसी भी 268 करोड़ रुपये की टैक्स डिफाल्टर है। निजी बसों का टैक्स किस्तों में किया गया है। इसके आधार पर नया टाइम टेबल रद किया गया। इसमें आरटीसी सचिव के अलावा एसटीसी पंजाब व प्रिसिपल ट्रांसपोर्ट विभाग को भी पार्टी बनाया गया है। कोट्स
नए टाइम टेबल को जरूर बनाकर लागू किया गया, लेकिन जब कोर्ट के आदेशों के आधार पर कंटेंप्ट दायर की गई तो उसको मुख्य रखते हुए नया टाइम टेबल रद किया। अब सोमवार तक का समय लिया गया है। इसके बाद ही कोई हल निकाला जाएगा। जो भी होगा वह नियमों के अनुसार ही होगा।
बलविदर सिंह, सचिव, आरटीए, बठिडा कोट्स
नया टाइम टेबल रद करने का जब यूनियन नेताओं को पता लगा तो उनके द्वारा विरोध किया गया, जबकि नए टाइम टेबल में सभी बसों को एक समान टाइम दिया गया था। जो भी होगा वह नियमों के अनुसार ही होता है। सरकारी मुलाजिम होने के नाते कोई भी काम गलत नहीं कर सकते।
रमन शर्मा, जीएम, पीआरटीसी, बठिडा डिपो।